राजस्थान। अलवर में चलाया गया बुलडोजर चर्चा का विषय बना हुआ है और इस मामले ने तुरंत राजनीतिक मोड़ ले लिया है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिस बुलडोजर का उपयोग बीजेपी अपराधियों और दंगाइयों के घर तोड़ने के लिए करती है उसी बुलडोजर का उपयोग कांग्रेस ने अलवर में 300 साल पुराने […]
राजस्थान। अलवर में चलाया गया बुलडोजर चर्चा का विषय बना हुआ है और इस मामले ने तुरंत राजनीतिक मोड़ ले लिया है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिस बुलडोजर का उपयोग बीजेपी अपराधियों और दंगाइयों के घर तोड़ने के लिए करती है उसी बुलडोजर का उपयोग कांग्रेस ने अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने के लिए किया है. जिस वजह से यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है. साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार को इसका भारी विरोध झेलना पड़ रहा है.
बता दें कि अभी हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि बुलडोजर का उपयोग केवल विशेष समुदाय को टारगेट करने के लिए किया जाता है. बुलडोजर की कार्रवाई हमेशा एक तरफा होती है क्योंकि इसमें केवल मुसलमानों के घर ही तोड़े जाते हैं. कल कोर्ट में जमीयत की याचिका पर कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि बुलडोजर का उपयोग एक विशेष समुदाय के खिलाफ किया जा रहा है
राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष सतीश पुनिया ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पुनिया ने कहा है कि रास्ता निकालकर मंदिर को बचाना चाहिए था. सरकार की नियत साफ नजर नहीं आ रही है. वहीं बीजेपी की एक टीम अलवर जा रही है.
300 साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने के बाद हो सकता है ओबैसी को जरूर संतुष्टि मिली हो. उनका आरोप हमेशा यही रहता है कि बुलडोजर का उपयोग केवल मुसलमानों को टारगेट करने के लिए किया जाता है. मगर कांग्रेस की इस कार्रवाई से ओबैसी के दिल को जरूर ठंडक मिली होगी.
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