Smuggling of Cattle: गौ तस्करी के आरोप में 3 गिरफ्तार, गाड़ी से 9 गायों को छुड़ाया

कोलकाता: गाय तस्करी को लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है. कई टीएमसी नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है, फिर भी मवेशी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. भाजपा व विधायक नेता अग्निमित्र पॉल ने मंगलवार को एक गौ तस्करी पर रोक लगा दी। राष्ट्रीय राजमार्ग […]

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Smuggling of Cattle: गौ तस्करी के आरोप में 3 गिरफ्तार, गाड़ी से 9 गायों को छुड़ाया

Amisha Singh

  • December 20, 2022 5:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कोलकाता: गाय तस्करी को लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है. कई टीएमसी नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है, फिर भी मवेशी तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. भाजपा व विधायक नेता अग्निमित्र पॉल ने मंगलवार को एक गौ तस्करी पर रोक लगा दी। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 पर मवेशियों से लदे एक मेटाडोर (गाड़ी) को रुकवाया गया. जिसके बाद गाड़ी से निकाली गई 9 गायों को बचा लिया गया। इसके बाद मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंची और मेटाडोर समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया.

शक के आधार पर की चेकिंग

आपको बता दें कि भाजपा विधायक अग्निमित्र पाल मंगलवार सुबह आसनसोल से कोलकाता जाने के लिए रवाना हुई थी. तभी बर्दवान पहुंचने पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 मवेशियों से लदे एक कसाई ने विधायक की कार को ओवरटेक कर लिया. जिससे भाजपा नेता को शक हो गया. उन्होंने तुरंत गायों से लदी मेटाडोर को रुकवाया।

अवैध रूप से की जा रही थी तस्करी

मेटाडोर रुका तो देखा कि उस मैटाडोर में 9 गायें हैं। इनमें दो गायों के पैर में चोट भी थी. तभी स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। इस जानकारी के की सूचना बर्दवान पुलिस स्टेशन को दी गई जिसके बाद बर्दवान पुलिस पुलिस मौके पर पहुंची। मेटाडोर में सवार तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक गायों को पुरुलिया से बर्दवान के कुसुमग्राम ले जाया जा रहा था. तीनों आरोपियों के पास वैध दस्तावेज नहीं थे।

 

विधायक ने किया पुलिस के हवाले

इस मामले में अग्निमित्रा पाल ने कहा, “मैं कलकत्ता जा रही थी. तभी गायों से भरी एक गाड़ी मेरी कार के पास से गुजरी और आगे बढ़ती गई। मैंने देखा कि गायों को बेरहमी से गाड़ी के पीछे ले जाया जा रहा है। मुझे संदेह था। मैंने आगे बढ़कर मेटेटर को रोका और वैध डॉक्युमेंट्स मांगे, लेकिन कोई दस्तावेज नहीं दिखाया जा सका। फिर वे मुझे बार-बार कहने लगे कि हम गरीब हैं। दीदी, हमें छोड़ दो। बाद में मैंने बर्दवान पुलिस स्टेशन को फोन किया। उसने फोन का जवाब नहीं दिया। तभी कुछ भाजपा कार्यकर्ता आए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर हमने गाड़ी को जब्त करने की मांग की।

 

 

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