ठेकेदारी पर गुलामों को रखा जाता है, सेना को नहीं- संजय राउत

अग्निपथ योजना: मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा सेना में शॉर्ट टर्म की भर्ती के लिए लाई गई योजना अग्निपथ को लेकर पूरे देश में बवाल जारी है। अलग-अलग हिस्सों से लगातार हिंसा और आगजनी की खबरे सामने आ रही है। इसी बीच शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है इस योजना को लेकर […]

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ठेकेदारी पर गुलामों को रखा जाता है, सेना को नहीं- संजय राउत

Vaibhav Mishra

  • June 18, 2022 2:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

अग्निपथ योजना:

मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा सेना में शॉर्ट टर्म की भर्ती के लिए लाई गई योजना अग्निपथ को लेकर पूरे देश में बवाल जारी है। अलग-अलग हिस्सों से लगातार हिंसा और आगजनी की खबरे सामने आ रही है। इसी बीच शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राउत ने कहा है कि ठेकेदारी पर गुलमों को रखा जाता है, सेना को नौजवानों को नहीं।

आर्मी को ठेकेदारी पर नहीं रखा जाता

शिवसेना नेता संजय राउत ने अग्निपथ योजना पर कहा कि हमारी आर्मी को अब तक कभी भी ठेकेदारी पर नहीं रखा गया। ठेकेदारी पर काम करने वाले दूसरे लोग हैं। गुलामों को ठेकेदारी पर रखा जाता है। लेकिन जो अनुशासन बल है, जिनको हमने देश की रक्षा के लिए रखा है उसको कोई ठेकेदारी पर नहीं रखता है।

राहुल गांधी ने भी साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा कि पिछले 8 सालों से लगातार भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का अपमान किया है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफ़ीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा।

मित्रों की आवाज के आगे कुछ सुनाई नहीं देता

इससे पहले राहुल गांधी ने लिखा था कि अग्निपथ को नौजवानों ने नकार दिया है। कृषि कानून को किसानों ने नकार दिया। नोटबंदी को अर्थशास्त्रियों ने नकार दिया। जीएसटी को व्यापारियों ने नकार दिया। कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते, क्यूंकि उन्हें अपने ‘मित्रों’ की आवाज़ के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता है।

अग्निपरीक्षा मत लीजिए प्रधानमंत्री जी

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई डायरेक्ट भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान, देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हे ‘अग्निपथ’ पर चला कर इनके संयम की ‘अग्निपरीक्षा’ मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।

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