इंफाल : पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में अभी भी कानून व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है. बढ़ती हिंसा के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने बीते मंगलवार को नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश के कई जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है. अशांत क्षेत्र घोषित करने के साथ साथ AFSPA (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) […]
इंफाल : पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में अभी भी कानून व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है. बढ़ती हिंसा के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने बीते मंगलवार को नागालैंड और अरूणाचल प्रदेश के कई जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है. अशांत क्षेत्र घोषित करने के साथ साथ AFSPA (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) को जारी रखते हुए 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग, तिरप और लोंगडिंग जिलों तथा असम राज्य की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले नामसाई, चौखम और महादेवपुर पुलिस थाना क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र के रुप में घोषित किया था. अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की गई. कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले के नामसाई, चौखम और महादेवपुर पुलिस थाना क्षेत्रों को AFSPA अधिनियम 1958 के तहत 1 अक्टूबर 2023 से अगले 6 महीने के लिए या जब तक आदेश वापस नहीं लिया जाता तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है.
पूर्वोत्तर के एक और राज्य नागालैंड के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए केंद्र सरकार की ओर से 24 मार्च को 2023 को नागालैंड के 8 जिलों और 5 अन्य जिलों के 21 थाना क्षेत्रों को 1 अप्रैल 2023 से 6 महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया था. कानून व्यवस्थी की समीक्षा करने के बाद नागालैंड के दीमापुर, चुमौकेदिमा, निउलैंड, किफर, मोन, पेरेन, नोवलाक और फेक जिलों के अलावा AFSPA अधिनियम 1958 की धारा-3 के तहत 6 महीने के लिए जब तक वापस नहीं लिया जाता तब तक अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है.
AFSPA (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम ) देश के अशांत क्षेत्र में लागू किया जाने वाला कानून है. इसके तहत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए और जरूरी लगने पर तलाशी लेने, गोली चलाने और गिरफ्तार करने की शक्तियां प्राप्त होती है. नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में AFSPA कानून लागू है. कानून व्यवस्था को देखते हुए सरकार समय-समय पर इसकी अविधि बढ़ाती रहती है.