Single Use Plastic Ban: नरेंद्र मोदी सरकार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने वाली थी. फिलहाल सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन न लगाकर इसके खिलाफ अभियान को जनजागरूकता तक ही सीमित रखा है. सरकार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत का मिशन मतलब सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करना नहीं है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार की योजना प्लास्टिक के 6 उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की थी. लेकिन अर्थव्यवस्था में जारी मंदी और कर्मचारियों की छटनी की वजह से स्थिति और बिगड़ सकती है.
Single Use Plastic Ban: नरेंद्र मोदी सरकार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने वाली थी. फिलहाल सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन न लगाकर इसके खिलाफ अभियान को जनजागरूकता तक ही सीमित रखा है. सरकार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत का मिशन मतलब सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करना नहीं है. जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाए जाने वाले ट्विटर हैंडल स्वच्छ भारत पर कहा है कि सरकार के इस अभियान का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाना है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार की योजना प्लास्टिक के 6 उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की थी. लेकिन अर्थव्यवस्था में जारी मंदी और कर्मचारियों की छटनी की वजह से स्थिति और बिगड़ सकती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अधिकारियों के हवाले से कहा है कि मोदी सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन नहीं लगाने जा रही है. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक दो अधिकारियों ने कहा है कि प्लास्टिक बैग्स, कप, प्लेट, छोटे बॉटल, स्ट्रॉ और कुछ प्रकार के पाउच को बैन करने के लिए तत्काल कोई कदम नहीं उठाया जाएगा, सरकार इसके इस्तेमाल में कमी का प्रयास करेगी.
The Swachhata Hi Seva campaign launched by the Hon'ble PM on 11th September 2019 is not about banning single use plastic but creating awareness and a people's movement to curb its use @PMOindia @moefcc https://t.co/ZTb4jtJ3t8
— Swachh Bharat Mission – Grameen (@swachhbharat) October 1, 2019
पर्यावरण मंत्रालय में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी चंद्रकिशोर मिश्रा ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स जैसे पॉलिथिन बैग्स और स्टेरोफॉम के स्टोरेज, मैन्युफैक्चरिंग को लेकर सरकार राज्यों से मौजूदा कानूनों को ही लागू करने को कहेगी. अभी बैन का कोई नहीं आदेश जारी नहीं किया जाएगा. सरकार के प्रस्तावित बैन ने उन कंपनियों को निराश कर दिया है जो सोडा, बिस्किट से लेकर कैचअप और शैंपू जैसे प्रॉडक्ट के पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल कर ती है. मिश्रा ने कहा कि सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि पहले चरण में लोगों को प्लास्टिक आइटम्स के नुकसान के बारे में जागरूक करें. लोग जागरूक होंगे तो वो खुद प्लास्टिक का इस्तेमाल छोड़ देंगे.
उद्योगों से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर सरकार बगैर किसी स्पष्ट परिभाषा के बैन लगा देती है तो इससे कुछ प्रभाव निश्चित रूप से उद्योगों पर पड़ेगा. इस फैसले से उद्योगों में सीधे तौर पर कार्यरत 5 लाख लोग और 50 लाख अन्य लोग अपनी नौकरी खो देंगे. मौजूदा समय में यह उद्योग प्रत्यक्ष रूप से 1 करोड़ लोगों को और अप्रत्यक्ष रूप से 10 करोड़ लोगों को रोजगार देता है.