मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर (Siddharth Roy Kapur) के प्रोडक्शन हाउस ‘रॉय कपूर फिल्म्स’ (आरकेएफ) देश के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के जीवन पर बायोपिक बनाने का फैसला किया है. ‘रॉय कपूर फिल्म्स’ (आरकेएफ) ने ट्रिकीटेनमेंट मीडिया के साथ मिलकर बायोपिक बनाने के अधिकार को हासिल कर लिया है. सिद्धार्थ […]
मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर (Siddharth Roy Kapur) के प्रोडक्शन हाउस ‘रॉय कपूर फिल्म्स’ (आरकेएफ) देश के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन के जीवन पर बायोपिक बनाने का फैसला किया है. ‘रॉय कपूर फिल्म्स’ (आरकेएफ) ने ट्रिकीटेनमेंट मीडिया के साथ मिलकर बायोपिक बनाने के अधिकार को हासिल कर लिया है. सिद्धार्थ रॉय कपूर (Siddharth Roy Kapur) ने यह अधिकार मिलने के बाद कहा कि “हम अपने नेशनल हीरोज में से एक सुकुमार सेन के जीवन पर बायोपिक बनाने को लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं. जिन्होंने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण किरदार अदा किया. सुकुमार सेन ने अशिक्षा से निपटने के लिए अलग-अलग चुनाव चिह्न और रंगों द्वारा राजनीतिक दलों की पहचान करने के सिस्टम से लेकर गड़बड़ियों से बचने के लिए उंगली पर अमिट स्याही लगाने की सोच तक… इस दिशा में किए गए उनके कई इनोवेशन को आज भी अपनाया जा रहा है.
सिद्धार्थ रॉय कपूर (Siddharth Roy Kapur) ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने में सुकुमार सेन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है,जिसके लिए हम सबको उनकी सराहना करनी चाहिए. देश के पहले चुनाव आयुक्त रहे सुकुमार सेन के पोते संजीव ने कहा, “एक राष्ट्र के रूप में भारत की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक इसका सफल लोकतंत्र रहा है. और सभी लोकतंत्रों की नींव स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव है और इस चुनावी प्रक्रिया की बुनियाद रखने का श्रेय सुकुमार सेन को ही जाता है, जो मेरे दादा और स्वतंत्र भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे.”
चुनाव प्रक्रिया में कई इनोवेशन करने वाले देश के पहले चुनाव आयुक्त रहे सुकुमार सेन पर बनने जा रही इस बायोपिक फिल्म को लेकर उनके दूसरे पोते देबदत्त सेन ने कहा कि “यह हमारे देश के लोगों को एक उल्लेखनीय व्यक्ति और उनकी उपलब्धियों से अवगत कराने का एक बहुत हीअच्छा प्रयास है.” इस बोयोपिक को बनाने वाली फिल्म प्रोडक्शन ट्रिकीटेनमेंट मीडिया के रोमंचक अरोड़ा ने कहा, “73 साल बाद बताई जाने वाली इस कहानी को देश की सभी पीढ़ियों को जरूर देखना चाहिए.”
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