नई दिल्ली : हारे के साहरे कहे जानें वाले भगवान श्री खाटूश्याम जी के मासिक मेले का आज आगमन हो गया है.जल झूलनी एकादशी व द्वादशी का मेला आज शुरू हुआ है पहले दिन खाटू वाले श्याम जी का दरबार आज सजने लगा है.सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भीड़ जमनी आरम्भ हो […]
नई दिल्ली : हारे के साहरे कहे जानें वाले भगवान श्री खाटूश्याम जी के मासिक मेले का आज आगमन हो गया है.जल झूलनी एकादशी व द्वादशी का मेला आज शुरू हुआ है पहले दिन खाटू वाले श्याम जी का दरबार आज सजने लगा है.सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की भीड़ जमनी आरम्भ हो गई है. हाथों में श्याम बाबा का निशान लिए दूर-दूर से भक्त खाटूश्याम जी पहुंच रहे हैं.
आज से श्याम बाबा जी के दो दिवसीय मासिक मेले का आरम्भ हो गया है. 2 दिन तक भगवान खाटूश्याम की विशेष आरती की जाएगी. देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ आई हुई है . बाबा श्याम के दरबार में श्रद्धालु अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना लेकर आते हैं.बहुत से श्रद्धालु रींगस से हाथों में निशान लेकर पदयात्रा कर धाम पहुंचे तो कई मानोकमना पूरी करने के लिए पेट पलणीय हो कर हाथ मे रगीलें झंडे लिए श्याम भक्त जयकारे लगाते हुए दरबार पहॅुचे . बढ़ती गर्मी को देखते हुए श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से भक्तों के लिए कूलर और पानी के फव्वारे की सुविधा प्रदान की गई .कहीं भक्त प्रसाद खरीदते दिखाई दे रहे है तो कहीं मेले से सामान लेते दिखाई दिए.मेले का समापन बुधवार द्वादशी को हो जाएगा .
भगवान खाटूश्याम का असली नाम बर्बरीक था.ये एक महान योद्धा थे .जो की महाभारत काल के भीम के पुत्र थे .बर्बरीक का शीश जिस पक्ष की ओर देखता था उसी पक्ष की जीत शुरू हो जाती थी .युद्ध का फैसला ना होते देखकर श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश दान मे मांग लिया .बर्बरीक का दान देख कर श्री कृष्ण उन पर प्रसन्न हो कर उनको कलयुग में उनके नाम से पूजे जाने का वरदान देते है की आज भी वह माता को दिए वचनों के अनुसार इस संसार में हारने वाले इंसान का साथ देते हैं तभी उन्हें हारे का सहारा कहा जाता है.