देश-प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद : मथुरा कोर्ट आज दो 2 याचिकाओं पर करेगी सुनवाई, जानिए क्या है मांग

लखनऊ। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर मथुरा की सिविल कोर्ट में आज सुनवाई होगी. दायर की गई 2 याचिकाओं पर सिविल सीनियर डिवीजन जज ज्योति सिंह की कोर्ट मामले में सुनवाई करेगी. दायर याचिकाओं में से एक याचिका में विवादित जगह से शाही ईदगाह को हटाकर पूरी जगह हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है. वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट से शाही ईदगाह मस्ज़िद में मौजूद मंदिर के सबूतों की रक्षा की मांग की गई है.

बता दें कि मथुरा सिविल कोर्ट में इस मामले को लेकर अब तक 10 से अधिक याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. मामले से जुड़ी 7 याचिकाओं पर 15 जुलाई को सुनवाई होगी. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास नाम के संगठन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा दायर याचिका में पूरी 13.37 एकड़ जमीन हिंदुओं को देने की मांग की गई है. इस याचिका में विवादित जगह से मस्ज़िद हटाने की मांग की गई है. आज अदालत से याचिकाकर्ता के वकील मांग कर सकते हैं कि वह विवादित जगह के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति करें. जिसके तहत कोर्ट कमिश्नर की निगरानी में शाही ईदगाह की ज़मीन खुदवाई जाए, और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई जाए.

‘सबूत मिटाने की आशंका’

दरअसल, मनीष यादव की दूसरी याचिका पर आज सुनवाई होनी है. कोर्ट से नारायणी सेना नाम की संस्था के अध्यक्ष मनीष यादव ने कहा है कि मस्ज़िद की 2.65 एकड़ ज़मीन भगवान श्रीकृष्ण की है. उसे खाली कराया जाए. अदालत में दायर की गई यादव ने याचिका में इस बात की आशंका जताई कि कहीं मस्ज़िद में मौजूद मंदिर के सबूतों को मिटाने की कोशिश की जा सकती है. इसलिए, ज़िला प्रशासन को जगह की लगातार निगरानी करनी चाहिए.

मुगल दरबार के रिकॉर्ड का हवाला

याचिकाकर्ताओं ने औरंगज़ेब के दरबारियों की तरफ से लिखी गई ‘मासिर ए आलमगीरी’ जैसी किताबों और दूसरे ऐतिहसिक दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि जनवरी 1670 में मुगल फौज ने मथुरा पर हमला कर केशव राय मंदिर को गिरा दिया था. जिसके बाद वहां पर एक मस्जिद बना दी गई थी. मंदिर की मूर्तियों को आगरा ले जाकर बेगम शाही मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दफन कर दिया गया था. ताकि जब भी नमाज के लिए जाएं तो उन्हें हमेशा रौंदते हुए जाएं.

याचिकाकर्ताओं ने मस्ज़िद (Mosque) को वहां बने रहने की अनुमति देने वाले 1968 के एक समझौते को भी चुनौती दी है. उन्होंने दावा किया है कि शाही ईदगाह ट्रस्ट (Shahi Idgah Trust) से समझौता करने वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान (Shri Krishna Janmasthan Seva Sansthan) को ऐसा करने का कोई अधिकार ही नहीं था.

कन्हैया लाल हत्याकांड: बीजेपी नेता को मिली जान से मारने की धमकी,पुलिस ने दी सुरक्षा

mohmmed suhail mewati

Recent Posts

पाकिस्तान हर जगह बदनाम, अब इन मुस्लिम देशों ने वीजा देने से किया इनकार

पाकिस्तानी नागरिकों के विदेश में भीख मांगने और ड्रग तस्करी, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक…

27 minutes ago

महाराष्ट्र: महायुति से करीबी बढ़ा रहे उद्धव ठाकरे! क्या फिर से बदलेंगे पाला?

कुछ दिनों पहले उद्धव ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से…

3 hours ago

धर्म की जानकारी नहीं इसीलिए… संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक और बड़ा बयान

महाराष्ट्र के अमरावती में महानुभाव आश्रम के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने…

4 hours ago

ब्राजील प्लेन क्रैश: घायलों में किसी का भी बचना मुश्किल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लेन एक घर की चिमनी से टकरा गया। इसके बाद वह…

5 hours ago

दिल्ली: हर समस्या का समाधान करेंगे, एलजी सक्सेना की वीडियो पर बोलीं सीएम आतिशी

मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मैं एलजी साहब का धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने…

7 hours ago

हिंदी-इंग्लिश विवाद से बढ़ी हलचल, क्या रवींद्र जडेजा के कारण रद्द हुआ टी20 मैच?

रवींद्र जडेजा की प्रेस कॉन्फ्रेंस विवाद के कारण एक टी20 मैच रद्द किए जाने की…

9 hours ago