जजों को राजनीति में आना चाहिए या नहीं, CJI चंद्रचूड़ ने कही बड़ी बात

नई दिल्ली: यह बहस लंबे समय से चल रही है कि जज समेत देश के बड़े सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद राजनीती में जाना चाहिए या नहीं। हल ही में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने एक इंटरव्यू में जजों के राजनीति में आने के लिए कूलिंग पीरियड का जिक्र किया है, तो रिटायरमेंट के बाद राजनीति में आने के मुद्दे पर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। आज हम आपको बताएंगे कि देश में किन पदों पर बैठे लोग तुरंत कौन सा पद धारण नहीं कर सकते हैं ।

क्या कहा CJI ने

चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने एक इंटरव्यू में कहा कि जज का कोर्ट से रिटायर होने के बाद कूलिंग पीरियड होना चाहिए। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने इंटरव्यू में कहा कि जब आप जज के तौर पर रिटायर होते हैं, तो आपको खुद को कुछ समय देना चाहिए। वहीं अगर आप राजनीति में जाते हैं, तो आपको पर्याप्त समय भी देना चाहिए।

चीफ जस्टिस ने कहा कि जजों को राजनीति में जाना चाहिए या नहीं, यह अलग बात हैं। उन्होंने कहा कि यह बहस का विषय नहीं है,लेकिन अगर आप राजनीति में जा रहे हैं, तो कूलिंग पीरियड होना चाहिए। मेरा मानना ​​है कि एक बार जज बनने के बाद आप जीवन भर जज ही रहते हैं। चाहे आप कोर्ट में काम कर रहे हों या नहीं या फिर रिटायर हो जाएं,लेकिन जब कोई आम नागरिक आपको देखता है तो उसे लगता है कि आप जज हैं।

राजनीति में तुरंत कौन नहीं आ सकता?

आपने देखा होगा कि कोई भी उच्च पद का व्यक्ति कभी भी राजनीति में आ सकता हैं। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि डीएम, एसपी, डीजीपी समेत कई प्रशासनिक अधिकारी भी रिटायरमेंट या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आ चुके हैं। वहीं कई सरकारी अधिकारी भी समय से पहले नौकरी छोड़कर कभी भी राजनीति में आ सकते हैं। लेकिन देश के सीएजी, गृह सचिव, कैबिनेट सचिव के पास राजनीति में आने के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड होता हैं , जिसके बाद ही वे राजनीति में आ सकते हैं।

जज हमेशा जज रहता हैं

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जज का भाषण, व्यवहार रिटायरमेंट के बाद भी वैसा ही दिखना चाहिए। मैं किसी और के फैसले की समीक्षा नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि हम कहते हैं कि न्याय सिर्फ होना ही नहीं चाहिए बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए।

 

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Manisha Shukla

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