Shivsena Hits BJP over Economic Slowdown, Shivsena ne Aarthik Mandi ko lekar fir BJP per Saadha Nishaana: शिवसेना ने आर्थिक मंदी पर भाजपा को घेरते हुए पूछा, दिवाली पर इतना सन्नाटा क्यों है? दिवाली के एक दिन बाद, शिवसेना ने अपने संपादकीय सामाना में लिखा कि किस तरह से आर्थिक मंदी किसानों और लोगों को प्रभावित कर रही है. उन्होंने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. हालांकि भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने की तैयारी में हैं. ऐसे में दोनों पार्टी सीट बंटवारे को लेकर भी आपस में उलझ सकती हैं.
मुंबई. महाराष्ट्र सीएम पद को लेकर शिवसेना अपने सहयोगी भाजपा के साथ उलझन में है. शिवसेना ने सोमवार को देश में आर्थिक मंदी को लेकर भगवा पार्टी पर तीखा प्रहार किया. दिवाली के एक दिन बाद, शिवसेना ने अपने संपादकीय सामाना में लिखा कि किस तरह से आर्थिक मंदी किसानों और लोगों को प्रभावित कर रही है. शिवसेना ने कहा कि भले ही मानसून खत्म हो गया हो, लेकिन अभी भी कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. शिवसेना ने कहा, आज हमारा देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है. बाजार में, कोई उत्साह नहीं है. मंदी के कारण कारोबार 30 से 40 प्रतिशत कम है.
संपादकीय में डिमोनेटाइजेशन और जीएसटी का भी उल्लेख किया गया है और कहा गया है, डिमोनेटाइजेशन और जीएसटी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अधिक समस्याएं पैदा कर रहा है. यह कहा गया था कि यह हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार करेगा लेकिन अब इसका उल्टा असर हो रहा है. शिवसेना ने देश भर में नौकरी के नुकसान के मुद्दे पर प्रकाश डाला और कहा कि, कारखानों और उद्योगों को बंद किया जा रहा है. रोजगार नहीं है. लोग नौकरी खो रहे हैं. आरबीआई के भंडार से पैसे निकालने के सरकार के कदम पर कटाक्ष करते हुए, शिवसेना ने कहा, बैंक दिवालिया हो रहे हैं. लोगों की जेब खाली है, इसलिए सरकार की तिजौरी [लॉकर] भी. इसलिए, आरबीआई से आरक्षित धन बाहर ले जाया गया.
शिवसेना ने यह भी कहा कि, भारतीय बाजार में चुप्पी है. ऑनलाइन खरीदारी के माध्यम से, देश का पैसा बाहर जा रहा है. दीवाली पर इतना सन्नाटा क्यों? शिवसेना ने पूछा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के ठीक बाद, शिवसेना खुले में यह कहने के लिए निकली कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अमित शाह को यह लिखित में देना होगा कि सीएम की सीट 50:50 के आधार पर साझा की जाएगी, तब वे सरकार बनाएंगे. कांग्रेस और राकांपा, दोनों ने महसूस किया है कि वे भाजपा के साथ गठबंधन से बाहर निकलने पर शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार हैं. 288 सदस्यीय विधानसभा में, भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, जबकि सहयोगी सेना ने 56 सीटें हासिल कीं. एनसीपी को 54 सीटें मिलीं और कांग्रेस 44 सीटों पर विजयी रही.
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