एनडीए के अहम सहयोगी पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले भारतीय जनता पार्टी पर देश की जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए जोरदार हमला बोला. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कंद्र में शासित नरेंद्र मोदी सरकार पर चुनाव के समय ईवीएम मशीनों का दुरुपयोग करने के आरोप भी लगाए गए.
नई दिल्लीः केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज सदन में चर्चा होनी है. इससे पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अहम सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. पार्टी ने मोदी सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाए साथ ही चुनावों में अकूत धन, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के लिए भी बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया.
शिवसेना ने कहा कि मौजूदा सरकार ने जो बहुमत या विश्वास प्राप्त किया है वही संदेहास्पद है. जिस जीत पर पर ही प्रश्नचिन्ह है वे बहुमत के भजन ना गाएं. अकूल धन, सत्ता की तानाशाही और मतदान मशीनों में हेराफेेरी ही जीत का त्रिसूर होगा तो लोकतंत्र में सिर्फ बिजूके ही महारे देश में खड़े हैं और इन बिजूकों के अस्तित्व की लड़ाई की खड़खड़ाहट अब शुरू हो चुकी है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि सवाल कश्मीर का हो या जनता को अच्छे दिन दिखाने का, बढ़ती महंगाई का हो या हमारे नाणार परियोजना ग्रस्तों का, सभी स्तर पर जनता की पीठ में सिर्फ खंजर घोपा गया. सच बोलना देशद्रोह हो जाता है लेकिन विश्वासघात कपना, जनता को छलना शिष्टाचार माना जाता है.
संपादकीय में आगे कहा गया कि बहुमत का अर्थ जनभावनाओं की कद्र, ऐसा न होकर बहुमतवालों की तानाशाही ऐसा हो गया है. लोगों को सपने दिखाना फिर उनके भावनाओं से खिलवाड़ कर उनके वोट मांगना और लोगों द्वारा झोली भरकर मतदान करने के बाद इन सभी चुनावी जुमलों को कभी भी स्वच्छ ना होने वाली गंगा में डुबो देना. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है.
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