नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने शुरु कर दिए हैं। हालांकि सबसे ज्यादा गहमा-गहमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही है। खासकर समाजवादी पार्टी की तरफ से। ऐसा इसलिए क्योंकि सपा लगातार उम्मीदवारों के नामों में फेरबदल […]
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने शुरु कर दिए हैं। हालांकि सबसे ज्यादा गहमा-गहमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही है। खासकर समाजवादी पार्टी की तरफ से। ऐसा इसलिए क्योंकि सपा लगातार उम्मीदवारों के नामों में फेरबदल कर रही है। इसी बीच सबसे ज्यादा चर्चा बदायूं सीट को लेकर है।
बता दें कि बदायूं सीट सपा का गढ़ माना जाता है। सालों से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। इस सीट से मुलायम सिंह यादव से लेकर धर्मेंद यादव तक ने संसद की यात्रा तय की है। वहीं इस बार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को इस सीट की कमान सौपी थी लेकिन शिवपाल यादव बदायूं से चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है।
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों शिवपाल यादव बदायूं से पीछे हटना चाहते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है भाजपा के प्रति जनता का रुख और पीएम मोदी की लोकप्रियता। इसके अलावा भाजपा का 400 पारा का नारा बड़े-बड़े नेताओं को चिंता में डाल दिया है। इसलिए बड़े-बड़े नेता चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं। बहरहाल शिवपाल यादव ने बदायूं सीट से अपने बेटे का नाम आगे कर दिया है।