Presidential Election 2022: लखनऊ। राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन दिया है। इसकी घोषणा खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया है। लेकिन अखिलेश के इस फैसले पर समाजवादी नेता शिवपाल यादव ने सपा प्रमुख को पत्र लिखकर नाराजगी जताई […]
लखनऊ। राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन दिया है। इसकी घोषणा खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया है। लेकिन अखिलेश के इस फैसले पर समाजवादी नेता शिवपाल यादव ने सपा प्रमुख को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और जसवंत नगर से विधायक शिवपाल यादव ने ट्वीट कर सपा द्वारा यशवंत सिन्हा को समर्थन देना मुलायम सिंह का घोर अपमान बताया है। उन्होंने यशवंत सिन्हा के एक पुराने बयान को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जिसमें सिन्हा ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट कहा था।
शिवपाल यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि सपा के वर्तमान नेतृत्व ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है, जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को ‘आईएसआई’ का एजेंट बताया था। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के विरुद्ध मेरी घोर असहमति है। नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं।
शिवपाल यादव ने सपा प्रमुख अखिलेश को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं आपका और समाजवादी पार्टी के शुभचिंतकों का ध्यान एक में उस बेहद गंभीर और संवेदनशील विषय की ओर दिलाना चाहता हूं। यह नियति की अजीब विडम्बना है कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है, जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा और ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को उनके रक्षा मंत्रित्व काल में पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई का एजेंट बताया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाजवादी पार्टी को राष्ट्रपति प्रत्याशी के तौर पर एक अदद समाजवादी विरासत वाला नाम नहीं मिला।
शिवपाल ने अपने पत्र में आगे लिखा कि यह कहते हुए मुझे दुःख और क्षोभ हो रहा है कि जो समाजवादी कभी नेताजी के अधिमान पर आग बबूला हो जाते थे, आज उसी विरासत के लोग नेताजी को अपमानित करने वाले व्यक्ति का राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन कर रहे हैं ऐसा लगने लगा है कि पूरी पार्टी मजाक का पात्र बनकर रह गई हैं। उन्होंने आगे लिखा, प्रिय अखिलेश जी, मुझे अपनी सीमाएं पता हैं, आप समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं, ऐसे में मेरा सुझाव है कि उपरोक्त बिंदुओं के आलोक में अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
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