Mulayam Singh Yadav In Janakrosh Raily: समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना चुके शिवपाल यादव ने रविवार को लखनऊ में रैली निकाली. इस दौरान मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे. लेकिन जब मुलायम कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तब उनकी जबरदस्त हूटिंग की गई.
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अपने ही सर्मथकों के सामने शर्मसार होना पड़ा. ये वाकया है उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ की, जहां कभी मुलायम सिंह यादव के नाम की तूती बोला करती थी. दरअसल समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बना चुके शिवपाल यादव ने रविवार को लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन के लिए जनाक्रोश रैली निकाली थी. इस रैली में मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे. लेकिन जब वो मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तब उनकी जबरदस्त हूटिंग हुई. हूटिंग से नाराज मुलायम सिंह यादव यहां तक बोल गए कि ऐसे लोग हमारी सभा में न आया करें तो अच्छा है.
शिवपाल यादव की नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने रविवार को लखनऊ में एक रैली निकाला. रैली में आए हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुलायम बार-बार समाजवादी पार्टी का नाम ले रहे थे. इससे कार्यकर्ता नाराज होकर मुलायम की हूटिंग करने लगे. स्थिति को बिगड़ते देख शिवपाल यादव मुलायम के पास गए और उनसे कहा कि एक बार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का नाम भी ले लें. लेकिन मुलायम के मुंह से सपा छोड़ किसी और पार्टी का नाम नहीं निकल सका.
जनाक्रोश रैली जारी है… pic.twitter.com/kRfv5YH780
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 9, 2018
हूटिंग से नाराज मुलायम ने कहा कि हमें नहीं सुनना चाहते तो हम वापस चले जाएंगे. अपना घड़ी देखते हुए मुलायम बोले कि वैसे भी मेरा टाइम हो ही गया है. कार्यकर्ताओं का गुस्सा देखकर शिवपाल ने मुलायम से कहा कि लोग कह रहे हैं कि आप हमारे सर पर हाथ रखिए. इसके बाद मुलायम ने शिवपाल के सिर पर हाथ रखते हुए कहा कि आप तो आपातकाल के समय से ही लड़ते आ रहे हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की इस रैली के जरिए शिवपाल ने अपनी ताकत दिखाई. लेकिन मुलायम सिंह यादव के कारण थोड़ी अव्यवस्था हुई.
गौरतलब हो कि समाजबादी पार्टी (सपा) का कुनबा महीनों पहले बिखड़ गया था. पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराज होकर सपा छोड़ नई पार्टी बना चुके हैं. अब शिवपाल अपनी नई पार्टी के लिए जनाधार तैयार कर रहे हैं. दूसरी तरफ उम्र के आखिरी पड़ाव में मुलायम सिंह यादव की स्थिति अब महज मार्गदर्शक की रह गई है.