Shivlinga Thrown Near Drain: वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. इसके लिए कई इलाकों में खुदाई की जा रही है तो कई इलाकों में इमारतों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है. इसी ध्वस्तीकरण के दौरान एक इलाके से सैंकड़ों शिवलिंग मिली. जिनके टूटे हिस्से अधिकारियों ने नाले के पास फेंक दिए. इससे नाराज लोगों ने प्रदर्शन किया और केस दर्ज करवाने के लिए थाने में शिकायत की.
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण का काम शुरू किया जा चुका है. सरकार ने इसके लिए जगह-जगह खुदाई शुरू कर दी है. साथ ही सरकार इसके लिए कॉरिडोर के रास्ते में इमारतों का ध्वस्तीकरण भी कर रही है. इस दौरान एक इलाके से सैंकड़ों शिवलिंग भी मिली. इन शिवलिंग के साथ नंदी और विग्रह भी मिले. इन्हें अधिकारियों ने मलबे की तरह नाले के किनारे फेंक दिया. ये बात जनता को पता चली तो उनमें आक्रोश फैल गया. स्थानिय निवासियों समेत राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस मामले में लंका थाने जाकर मुकदमा दर्ज करने की शिकायत की.
स्थानिय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन शिवलिंगों को नाले के किनारे स्थित गहरे गड्ढे वाले प्लॉट को भरने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. गुस्साई भीड़ शिवलिंग उठाकर अपने घर ले जाने लगी. सूचना मिलने पर पुलिस ने एक वाहन भेजकर विग्रह मजदूर द्वारा वहां से उठवाए. एसपी पार्षद कमल पटेल ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा, ‘काशी के इतिहास में यह पहला मौका है जब देव विग्रहों को मलबे के रूप में नाले के पास फेंका गया.’ लोगों में आक्रोश मौके की एक वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा. इसी के बाद मौके पर एडीएम सिटी विनय सिंह, एसपी सिटी दिनेश सिंह, कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय और शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि अविमुक्तेश्वरानंद पहुंचे.
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उन्होंने मलबे में दबी शिवलिंग निकाल कर अलग रखवाई. अधिकारियों को मामले में कार्रवाई करने के लिए अर्जी दी. कार्रवाई के लिए लोग ताने के बाहर धरने पर बैठे. इसके बाद खाने में धारा 295, 153-बी और 427 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस बारे में जानकारी देते हुए थाना प्रभारी भारत भूषण ने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि बड़ी संख्या में शिवलिंग और विग्रह कहां ये आए और इन्हें मलबे के रूप में किसने फेंका. पूर्व विधायक अजय राय ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘धर्म के नाम पर बनी सरकार का असली चेहरा सामने आ गया. सरकार काशी में मंदिरों को तुड़वाने के साथ शिवलिंगों को नाले के पास फेंकवा रही है.’