नई दिल्ली. बिहार के भोजपुर जिले से जदयु के नेता शिवानंद तिवारी ने मुज़फ़्फरपुर बालिका गृह कांड पर एक फेसबुक पोस्ट लिखा है. इसमें उन्होंने बड़ा खुलासा किया है. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि ‘नीतीश कुमार मुज़फ़्फरपुर बालिका गृह कांड पर कल जमकर बोले. लेकिन खुलकर नहीं बहुत कुछ छुपा कर बोले. जैसे उन्होंने यह नहीं बताया कि ब्रजेश ठाकुर से उनका क्या और कैसा सम्बंध है. यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि नीतीश जी मुख्यमंत्री बनने के बाद ब्रजेश ठाकुर के पुत्र के जन्मदिन का केक काटने पटना से चलकर मुज़फ़्फरपुर गये थे. ब्रजेश ठाकुर के साथ नीतीश कुमार का राजनीतिक संबंध तो दिखाई नहीं दे रहा है. क्योंकि बताया गया है कि ब्रजेश ठाकुर नीतीश जी की पार्टी से नहीं बल्कि आनंदमोहन जी की पार्टी से जुड़े हुए थे. ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा जन्मदिन जैसे नितांत घरेलू और पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना से मुज़फ़्फ़रपुर जाना ठाकुर के साथ उनके संबंध की प्रगाढ़ता को ही दर्शाता है.
नीतीश जी से बिहार की जनता यह भी जानना चाहेगी कि ब्रजेश ठाकुर के यहाँ जाकर उनको कृतार्थ करने के बाद उनके यानी ठाकुर के अख़बारों को मिलने वाले विज्ञापनों में कितना इज़ाफ़ा हुआ. यह भी बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री जी द्वारा ठाकुर के घर को पवित्र करने के बाद बालिका गृह की तरह और कितने गृह के संचालन का ठिका ठाकुर को मिला.
बिहार की जनता यह भी जानना चाहती है मुज़फ़्फ़रपुर से मधुबनी के बालिका गृह में पहुँचाई गई लड़कियों में से एक लड़की मधु कैसे ग़ायब हो गई ! वह लड़की मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड की मुख्य गवाह है. एक साज़िश के तहत प्रचार किया जा रहा है कि वह गूँगी थी. जबकि वह गूँगी नहीं तुतलाकर बोलती है. लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि कहीं उसकी हत्या तो नहीं कर दी गई है.
मुख्यमंत्री जी को बिहार की जनता को यह भी बताना चाहिए कि मधुबनी बालिका गृह का संचालन करने वाली महिला कौन है ? उसके पति का नीतीश कुमार के ख़ासम-ख़ास संजय झा के साथ क्या सम्बंध है ? उस महिला को मधुबनी में बालिका गृह संचालन करने का ठीका कब मिला. यानी नीतीश सरकार बनने के बाद या उसके पहले से उसका संचालन हो रहा था. वह महिला सिर्फ़ मधुबनी में ही बालिका गृह का संचालन कर रही है या अन्यत्र भी उसको ऐसा काम मिला हुआ है ? संजय झा से जुड़े लोगों का बिहार में कहाँ-कहाँ ऐसे गृहों के संचालन का काम मिला हुआ है ?
नीतीश सरकार को यह भी बताना चाहिए कि बिहार में इस तरह के कितने गृह संचालित हो रहे हैं. उनका संचालन करने वाले कौन लोग हैं. यह काम उनको नीतीश सरकार के दरमियान मिला या इसके पूर्व से यह काम वे कर रहे हैं.
बिहार की जनता यह भी जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री जी द्वारा सरकार के अलग-अलग विभागों की अनेकों मर्तबा समीक्षा की गई है. मुख्यमंत्री जी की समीक्षा बैठकें सिर्फ़ राजधानी के मुख्यालय में ही नहीं हुई है. बल्कि बिहार के प्रत्येक जिलों में राज्य के आला अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री जी समीक्षा बैठक कर चुके हैं. क्या वजह है कि इतनी समीक्षा बैठकों के बाद भी नीतीश जी जैसे क़ाबिल और सक्षम मुख्यमंत्री को संपूर्ण बिहार के बालिका गृहों में बालिकाओं के साथ हो रही दरिंदगी की भनक तक नहीं लगी!
हम उम्मीद करते हैं की नीतीश जी बिहार की जनता की इन शंकाओं का समाधान करने हेतु स्पष्टीकरण देंगे. उनको हम स्मरण कराना चाहेंगे कि राजा का इमानदार होना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसको इमानदार दिखना भी चाहिए. इस पुरे प्रकरण में नीतीश इमानदार नहीं दिखाई दे रहे हैं.’
भारतीय संसद में राज्यसभा के सदस्य और जदयू के नेता शिवानंद तिवारी का जन्म 9 दिसंबर 1943 को बिहार के भोजपुर जिले के रामदिहरा में हुआ था. उन्होंने स्नातक की पढ़ाई भोजपुर कॉलेज से शुरू की, मगर परिवार की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.
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