नई दिल्ली/मुंबई: शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि विधानसभा स्पीकर को कम से कम अगले विधानसभा चुनाव से पहले विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेना होगा. बता दें कि इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र […]
नई दिल्ली/मुंबई: शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि विधानसभा स्पीकर को कम से कम अगले विधानसभा चुनाव से पहले विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेना होगा. बता दें कि इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर को शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि विधानसभा स्पीकर को किसी प्रकार का दिखावा नहीं करना चाहिए. इस मामले पर ठीक तरह से सुनवाई होनी चाहिए. अदालत का मानना है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समय-सारिणी निर्धारित नहीं मिलती है, तो कोर्ट एक समय-सीमा निर्धारित करने वाले अनिवार्य आदेश को जारी करेगा, क्योंकि अभी उसके आदेशों का पालन नहीं हो रहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कम से कम अगले विधानसभा चुनाव से पहले विधायकों की अयोग्यता मामले में स्पीकर को फैसला लेना होगा.
बता दें कि, पिछले साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में विधायकों और सांसदों ने शिवसेना से बगावत कर दी थी. इसके बाद महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व कर रहे उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी. बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर कब्जे को लेकर दावा किया. इसके बाद 17 फरवरी को चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को काफी विस्तार से सुनने के बाद शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष-बाण और पार्टी का नाम एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया था.
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