शिंदे जल्द बाहर होंगे, बीजेपी आलाकमान ने अब अजित पर… कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा दावा

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अंदर हुई टूट पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कुछ महीनों के भीतर, शायद 10-11 अगस्त से पहले ही एकनाथ शिंदे के खिलाफ विधानसभा में चल रही कार्रवाई पर कोई फैसला हो जाएगा. शायद उन्हें निलंबित कर दिया जाए क्योंकि कोई रास्ता नहीं बचा है. अगर 16 शिवसेना विधायक और सीएम शिंदे विधानसभा से बाहर होते हैं तो एक नए मुख्यमंत्री की जरूरत होगी. बीजेपी आलाकमान शायद ये जिम्मेदारी अजित पवार को देना चाहता है. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने इस बार अजित पवार पर भरोसा जताया है.

पारिवारिक विवाद राज्य को प्रभावित कर रहा है

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है, लेकिन राज्य की महा विकास अघाड़ी पर इस झगड़े का असर पड़ेगा। अजित पवार को एनडीए में शामिल करने की रणनीति दिल्ली में तय हुई थी. पूर्व सीएम चव्हाण ने शरद पवार के लिए अजित पवार की ‘रिटायरमेंट’ वाली टिप्पणी पर कहा कि यह उस कड़वाहट को दर्शाता है जो वर्षों से घर कर रही थी. हो सकता है कि पार्टी के प्रबंधन में पवार साहब की कुछ खामियां रही होंगी. यह भी हो सकता है कि उन्होंने लोगों को आगे बढ़ाने के लिए अजित पवार को दरकिनार कर दिया हो. शरद पवार अपनी बेटी को आगे बढ़ाना चाह रहे होंगे. लेकिन यह पारिवारिक विवाद अब राज्य की राजनीति को काफी प्रभावित कर रहा है.

कल दोनों गुटों ने किया शक्ति प्रदर्शन

इससे पहले कल मुंबई में एनसीपी के दोनों गुटों ने शक्ति प्रदर्शन किया. जहां एक और एमईटी बांद्रा में अजित पवार गुट के नेता और कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और उन्होंने अपनी ताकत दिखाई. वहीं दूसरी ओर वाईबी चव्हाण सेंटर में शरद पवार खेमे की बैठक हुई है. बताया जाता है कि अजित पवार गुट की बैठक में एनसीपी के करीब 30 विधायक पहुंचे. जबकि शरद पवार की बैठक में सिर्फ 7 विधायक ही शामिल हुए.

अजित पवार ने चाचा पर साधा निशाना

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच महासंग्राम जारी है. शरद पवार से बगावत कर एनडीए में शामिल होने वाले भतीजे अजित पवार ने आज चाचा पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि हम किसी के पेट से नहीं जन्में तो इसमें हमारी क्या गलती है? मुझे हमेशा जो जिम्मेदारी दी गई, उसे मैंने पूरी मेहनत और ईमानदारी से निभाया. इसके साथ ही अजित ने कहा कि नौकरी में रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होती है, भाजपा में 75 साल है, आप (शरद पवार) 83 साल के हो गए हैं लेकिन रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. मैंने कहा था कि आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, मैं सब संभालूंगा. लेकिन आपने यह नहीं किया. क्या वरिष्ठों को ऐसा करना चाहिए? वरिष्ठों को कहीं न कहीं रूक जाना चाहिए.

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