उद्धव के कार्यालय पर शिंदे का कब्जा, रो पड़े कर्मचारी

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने नागपुर विधानसभा परिसर में मौजूद शिवसेना के 30 वर्ष पुराने कार्यालय पर कब्ज़ा कर लिया है। कार्यालय मे कब्ज़े के बाद वहां मौजूद उद्धव ठाकरे एवं आदित्य ठाकरे के चित्र को भी शिंदे गुट के नेताओं ने हटा दिया। इस घटना से आहत होकर […]

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उद्धव के कार्यालय पर शिंदे का कब्जा, रो पड़े कर्मचारी

Farhan Uddin Siddiqui

  • December 20, 2022 11:27 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने नागपुर विधानसभा परिसर में मौजूद शिवसेना के 30 वर्ष पुराने कार्यालय पर कब्ज़ा कर लिया है। कार्यालय मे कब्ज़े के बाद वहां मौजूद उद्धव ठाकरे एवं आदित्य ठाकरे के चित्र को भी शिंदे गुट के नेताओं ने हटा दिया। इस घटना से आहत होकर उद्धव गुट के नेता रो पड़े इतना ही नहीं शिंदे गुट के खिलाफ उन्होने धरना भी दिया।

क्या है पूरा मामला?

शिवसेना से शिंदे गुट के अलग हो जाने के बाद शिवसेना की तमाम विरासतों पर दोनों ही गुटों की जंग जारी है। बीते दिन सोमवार को भी नागपुर विधानसभा परिसर में शिवसेना के कार्यालय को लेकर दोनों गुटों के बीच वाकयुद्ध जारी रहा। हम आपको बता दें कि, यह कार्यालय शिवसेना के द्वारा तीन दशकों से इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अंत में इस कार्यालय में कब्जा शिंदे गुट को मिला साथ ही उद्धव गुट की शिवसेना के विधायकों के लिए एक अन्य कार्यालय आवंटित कर दिया गया। कार्यालय में कब्जा मिलते ही शिंदे गुट के विधायकों ने वहां पर मौजूद उद्धव ठाकरे एवं आदित्य ठाकरे के चित्र को हटाते हुए एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु दिवंगत आनंद दिघे का चित्र लगा दिया। इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कार्यालय में शिरकत की।

रो पड़े कर्मचारी

ठाकरे गुट के एक नेता ने बताया है कि, शिंदे के नेतृत्व वाले खेमें में मौजूद कर्मचारियों के द्वारा उद्धव के खेमे वाले कर्मचारियों को नए कार्यालय मे जब जाने के लिए कहा तो वह इस घटनाक्रम से आहत होकर रो पड़े।

सीढ़ियों पर दिया धरना

सीमा विवाद सहित अन्य मुद्दों को लेकर महाविकास अघाड़ी के विधायकों ने सोमवार को नागपुर स्थित विधान भवन की सीढ़ियों पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान महाविकास अघाड़ी के विधायकों नें कर्नाटक सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। हम आपको बता दें कि, नागपुर में सोमवार से शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद पहले दिन ही विपक्ष के नेता अजीत पवार और श्री अंबादास दानवे के नेतृत्व में शिंदे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

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