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बूंद-बूंद को तरस रहा शिमला, हाई कोर्ट ने जयराम ठाकुर सरकार से मांगा जवाब

हिमाचल प्रदेश: शिमला पिछले 8 दिनों से बड़े पानी सकंट से जूझ रहा है जिसकी वजह से गर्मी की छुट्टियां मनाने पहुंचे सैलानियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं होटल और स्थानीय लोग पानी की समस्या को दूर करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं.

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shimla water crisis
  • May 29, 2018 11:39 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

शिमला. हिल स्टेशन की नगरी कहलाई जाने वाला शिमला इतिहास में पहली बार पानी के बड़े संकट से जूझ रहा है. पानी की कमी के चलते शिमला में लोग घर से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए हैं. इतना ही नहीं देश के टॉप टूरिस्ट प्लेस में से एक शिमला में गए सैलानियों की भी हालात खराब हो गई है. छुट्टियों के सीजन की वजह से होटल और पर्यटक स्थल वालों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है.

शिमला में पिछले 8 दिनों से पूरा शहर बूंद बूंद के लिए तरस रहा है. जिस पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए मंगलार को हिमाचल प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है. हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने मौजूदा हालात पर एक्शन लेते हुए एक हाई लेवल की मीटिंग का गठन किया है जो जल्द से जल्द इस समस्या का निवारण तलाशने में जुटी है. इस मुद्दे पर राज्य सरकार को कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया है और नगर निगम के घेराव का ऐलान भी किया.

खैर शिमला में आए इस जल सकंट के बाद सबसे ज्यादा घूमने गए पर्यटक बुरी तरह से फंस गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सैलानियों को स्थानीय दुकानदार भी पानी के नाम पर खूब लूट रहे हैं. बताया जा रहा है कि पानी के लिए पर्यटकों से खूब ऊंचे दाम वसूले जा रहे हैं. इतना ही नहीं होटल वालों ने रूम खाली करने पर बड़े ऑफर का ऐलान भी किया है. साथ ही इन सब का असर रेल गाड़ियों पर भी पड़ा. ट्रेन के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी का प्रबंध नहीं हो पाया और एकआध गाड़ी इस वजह से लेट भी हुई.

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