शिया वक्फ बोर्ड की मांग: तीन तलाक को बलात्कर माना जाए, आरोपियों पर हो 376 के तहत मुकदमा दर्ज

लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किए जाने की भी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी इसकी प्रशंसा की थी. रिजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध करते हुए कहा था कि एक साथ तीन तलाक को धार्मिक कानून की आड़ में सही ठहराया जाना उचित नहीं है.

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शिया वक्फ बोर्ड की मांग: तीन तलाक को बलात्कर माना जाए, आरोपियों पर हो 376 के तहत मुकदमा दर्ज

Aanchal Pandey

  • December 29, 2017 9:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. तीन तलाक बिल गुरूवार को लोकसभा में पास हो गया. इस बिल का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आपत्ति जताई है. वहीं शिया वक्फ बोर्ड ने सहमति जताते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधा है. उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक बार में तीन तलाक को साजिशन बलात्कार बताया है साथ ही उन्होंने तीन तलाक देने वालों को बलात्कार की धाराओं में मामला चलाने की मांग की है. इतना ही नहीं वसीम रिजवी ने कहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कट्टरपंथियों का संगठन है जो इस्लाम में कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहा है. उनके गैर जिम्मेदाराना बयानों और कार्यशैली की वजह से पूरे भारत में रहने वाले मुसलमानों को बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है.

विज्ञप्ति जारी कर वसीम रिजवी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 1973 में कांग्रेस के शासनकाल में बनाया गया था. उसके बाद राजीव गांधी ने शाह बानो के मामले में महिलाओं के शोषण की अनदेखी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कट्टरपंथी मुल्लाओं के दबाव में कानून बनाकर इनके हौसले और बढ़ाए. असल में कांग्रेस और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जिनकी वजह से मुसलमान आज तक तरह-तरह की परेशानियों से घिरा हुआ है.

वसीम रिजवी ने आगे कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों में एक साथ तीन तलाक देने की प्रथा को खत्म किया चुका है. अगर वक्त रहते मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने स्वयं मुस्लिम मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहे जुल्म का एहसास करते हुए इस प्रथा को समाप्त कर दिया होता तो आज इस पर कानून बनाने के हालात न पैदा होते. एक बार में तीन तलाक महिला के साथ शोषण है. रिश्तेदारों और दोस्तों को दावत देकर किसी महिला को निकाह कर लाया जाए और किसी भी बात को कुछ मुद्दा बनाकर एक बार में तीन तलाक देकर अकेले में रिश्ता खत्म कर उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी जाए, यह शरई व कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है. यह साजिशन किया गया बलात्कार है. लिहाजा एक बार में तीन तलाक देने वालों के विरुद्ध धारा 376 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

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