Shatrughan Sinha Backs Subhash Ghai #MeToo: भारत में मी-टू कैंपेन के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों में फंस रहे बॉलीवुड स्टार्स के सपोर्ट में अपने जमाने के सुपरस्टार रहे भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि बिना आरोप साबित हुए किसी के साथ काम ना करना, ब्लैकलिस्ट करना एक ढोंग है. शत्रुघ्न सिन्हा ने संजय दत्त के साथ आराम से काम कर रहे लोगों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वो आरोपी रहते और बाद में सजा काटकर लौटे संजय दत्त के साथ काम कर सकते हैं तो बिना आरोप साबित हुए किसी को सिर्फ आरोप के आधार पर ब्लैकलिस्ट करना सिर्फ मी-टू कैंपेन में हीरो बनने की पाखंडी कोशिश है.
नई दिल्ली. बॉलीवुड में अपने जमाने के सुपरस्टार रहे भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने यौन शोषण के खिलाफ महिलाओं के मी-टू कैंपेन के खिलाफ एक बड़ा बयान दिया है और कहा है कि बिना आरोप साबित हुए किसी को भी ब्लैकलिस्ट कर देना, काम से निकाल देना या उसके साथ काम करना बंद कर देना एक ढोंग और पाखंड है. दमदार डॉयलॉग के लिए शॉटगन नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा के पिता शत्रुघ्न सिन्हा ने निर्देशक सुभाष घई के साथ भविष्य में काम करने के सवाल पर अभिनेता संजय दत्त का जिक्र करते हुए कहा है कि जब संजय दत्त को सजा मिलने के बाद भी लोग उनके साथ काम कर रहे हैं तो बिना आरोप साबित हुए किसी डायरेक्टर या प्रोड्यूसर के साथ काम नहीं करने का बयान देना एक तरह से ढोंग और पाखंड है, ये उनकी नजर में सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली जैसी बात है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने समाचार एजेंसी आईएएनस से सुभाष घई के साथ आगे काम करने के सवाल पर कहा, “क्यों नहीं. अगर वो निर्दोष साबित होते हैं तो क्यों नहीं. तभी भी अगर वो दोषी साबित होते हैं और सजा काटकर काम करते हैं तो मैं उनके साथ काम करूंगा. संजय दत्त सजा काटकर आए और बड़े दिल वाले फिल्म उद्योग में आराम से सबके साथ काम कर रहे हैं. दरअसल, हमें संजय के साथ काम करने में तब भी दिक्कत नहीं हुई जब वो एक गंभीर केस के आरोपी थे.” सिन्हा ने कहा कि ये ढोंग है और लोग मी-टू कैंपेन में हीरो बनकर उभरने के लिए उनके साथ काम करने से मना करने का ऐलान कर रहे हैं जिन पर कोई भी आरोप लगा रहा है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्हें लोगों का ये ढोंग नहीं समझ आता कि वो एक तरफ तो सजायाफ्ता संजय दत्त के साथ आराम से काम कर रहे हैं लेकिन मी-टू मूवमेंट का हीरो बनने के लिए उन लोगों को ब्लैकलिस्ट कर रहे हैं जिन पर लगा आरोप अभी साबित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का नाम लेने से यौन शोषण नहीं रुकेगा क्योंकि समस्या इससे गहरी है. सिन्हा ने कहा कि जिन महिलाओं के साथ इस तरह की हरकत हुई है उन्हें सीधे कानून का सहारा लेकर मुकदमा करना चाहिए ताकि जिसने भी कुछ गलत किया है उसे उसकी सजा मिले. उन्होंने कहा, “मी-टू कैंपेन बहुत जरूरी और सराहनीय पहल है लेकिन अब ये फ्री फॉर ऑल जैसा हो गया है. कोई भी किसी का नाम लेकर उसे बदनाम कर सकता है. सारी पीड़ित महिलाओं से मेरी अपील है कि वो प्लीज कोर्ट जाएं और जिसने गलत किया है उसे सजा दिलाएं.”
भारत में मी-टू कैंपेन की शुरुआत नाना पाटेकर पर तनुश्री दत्ता के आरोप से हुई और अब इस कैंपेन में एक के बाद एक कई अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, गायक, संगीतकार, कास्टिंग डायरेक्टर के नाम सामने आ चुके हैं जिनके खिलाफ औरतों ने यौन शोषण या गलत व्यवहार के आरोप लगाए हैं. बॉलीवुड में यौन शोषण के मी-टू आरोप का सामना कर रहे लोगों में नाना पाटेकर के अलावा आलोक नाथ, विकास बहल, लव रंजन, साजिद खान, अनु मलिक, अभिजीत भट्टाचार्य, सुभाष घई, विपुल शाह, मुकेश छाबरा जैसे लोग शामिल हैं.