नई दिल्ली। आज के दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिन है। शास्त्री जी को लोग उनके सरल स्वभाव और साधारण जीवन के कारण बहुत पसंद करते थे। भारत के ये महान शख्सियत आम आदमी के जीवन के काफी करीब थे। प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को शास्त्री जी की उदारता […]
नई दिल्ली। आज के दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिन है। शास्त्री जी को लोग उनके सरल स्वभाव और साधारण जीवन के कारण बहुत पसंद करते थे। भारत के ये महान शख्सियत आम आदमी के जीवन के काफी करीब थे। प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को शास्त्री जी की उदारता और जनसेवा के लिए याद किया जाता है।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद शास्त्री जी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। शास्त्री जी के पीएम बनते ही पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था और उसी समय देश में खाद्यान्न की कमी थी। तब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी बॉर्डर पर रक्षा कर रहे सैनिको का हौसला बढ़ाने और आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिए “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। शास्त्री जी का ये नारा भारतीय सैनिको के साथ-साथ खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए किसानों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए काफी प्रेरित किया।
शास्त्री जी “जय जवान जय किसान” एक लोकप्रिय नारा बन कर देशभर में गूंजने लगा। बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री जी के इस नारे को समय-समय पर कई राजनेताओं को उपयोग में लाया। जैसे की देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने पोखरण टेस्ट की सफलता के बाद सन् 1998 में “जय जवान जय किसान जय विज्ञान” का नारा दिया था।
इसके बाद जालंधर में 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के कार्यक्रम में भविष्य का भारतः विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर बोलते हुए तत्कालिन पीएम नरेंद्र मोदी ने “जय जवान जय किसान और जय अनुसंधान” का नारा दिया। मोदी द्वारा लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में दिए इस नारे से राष्ट्रीय विकास के लिए अनुसंधान कार्य के महत्व के बारे में बताया।