बीजेपी स्थापना दिवस नई दिल्ली, आज विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. अब इस मौके पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने अंदाज़ में भाजपा को बधाई दी है. अपने अंदाज़ में […]
नई दिल्ली, आज विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. अब इस मौके पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने अंदाज़ में भाजपा को बधाई दी है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपने अलग अंदाज़ के लिए काफी चर्चित हैं. उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, जन्मदिन की बधाई हो भाजपा. आज भाजपा पूरे 42 साल की हो गयी है. आगे शशि थरूर ने भाजपा के संविधान का पहला पन्ना साझा किया. इस दौरान उन्होंने पार्टी पर अपना कटाक्ष दिया. उन्होंने संविधान की तस्वीर पर लिखा, क्या ये समय नहीं है कि आप अपनी पार्टी के संविधान के अनुसार ही व्यवहार करना शुरू करें. उन्होंने आगे लिखा, ऐसा लग रहा है कि इस पहले पन्ने पर ऐसा कुछ नहीं जिसके अनुसार आप व्यवहार कर रहे हैं. क्या ये दस्तावेज़ भी आपका एक झूठा जुमला है?’
आज प्रधानमंत्री ने भाजपा के स्थापना दिवस पर पूरे विश्व की सबसे बड़ी पार्टी को संबोधित किया. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधन करते हुए विपक्ष पर भी निशाना साधा. इस दौरान प्रधानमंत्री ने परिवारवाद पर भी चर्चा की. बता दें परिवारवाद पार्टी के लिए विधानसभा चुनावों में भी एक मुद्दा था. उन्होने परिवारवाद पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पारिवारवादी पार्टियों ने देश के युवाओं के भविष्य के साथ विश्वासघात करते हुए उन्हे कभी आगे नहीं बढ़ने दिया है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज हमें गर्व करना चाहिए कि आज देश में बीजेपी ही इकलौती ऐसी पार्टी है जो देश को इस चुनौती से सजग कर रही है और सतर्क कर रही है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार का स्थापना दिवस तीन कारणों से बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. पहला कारण- देश इस समय अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. दूसरा कारण- तेजी से बदलते हुए वैश्विक हालातों में बदलता हुआ ग्लोबल ऑर्डर और इसमें भारत के लिए बढ़ती नई संभावनाएं. तीसरा कारण- कुछ समय पहले चार राज्यों में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से 4 राज्यों में भाजपा को मिली जीत और तीन दशकों को बाद राज्यसभा में किसी भी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 के पार पहुंचना।