नई दिल्ली, पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) के लुटियंस पते पर संकट आ गया है. पिछले 22 साल से राजधानी दिल्ली में उनके स्थायी पते के रूप में दर्ज बंगले को बचाने के लिए वे इस समय हर संभव प्रयास कर रहे है. 15 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शरद यादव को 15 दिनों के अंदर अपना बंगला खाली करना होगा. जिसके बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बंगला बचाने के लिए देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
बता दे कि वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) का दिसंबर 2017 में राज्यसभा सांसद पद से अयोग्य घोषित कर दिए गए थे. जिसके बाद उन्होंने सदस्यता की अयोग्यता को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. संसद सदस्यता का ये मामला अभी भी अदालत में लंबित है. शरद यादव ने इसी बात को आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है कि जब तक उनके राज्यसभा सदस्यता के मामले में फैसला नहीं आ जाता है तब तक उन्हें बंगले में रहने की इजाजत दी जाए. 74 वर्षीय यादव इस बंगले में पिछले 22 साल से रह रहे है.
गौरतलब है कि कुछ दिनों से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया था. जिसके बाद बिहार की राजनीति में 25 साल बाद लालू-शरद की राजनीति एक ही पार्टी के चुनाव निशान पर होगी. लोकतांत्रिक जनता दल का गठन उन्होंने साल 2018 में किया था. इससे पहले वो आरजेडी के चुनाव निशान पर मधेपुरा सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उनको जीत नहीं मिली थी।