नई दिल्लीः । वहीं चुनाव आयोग ने भी माना है कि असली एनसीपी अजीत पवार गुट ही है और चुनाव चिन्ह उनको ही मिलना चाहिए। वहीं चुनाव आयोग के फैसले के बाद शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले […]
नई दिल्लीः । वहीं चुनाव आयोग ने भी माना है कि असली एनसीपी अजीत पवार गुट ही है और चुनाव चिन्ह उनको ही मिलना चाहिए। वहीं चुनाव आयोग के फैसले के बाद शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को पलटने से इनकार कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी।
चुनाव आयोग के फैसले को भले ही सुप्रीम कोर्ट ने न बदला हो लेकिन न्यायालय ने शरद पवार गुट की याचिक पर सुनवाई करते हुए बहुमत परीक्षण कराने को तैयार है। साथ ही अदालत ने चुनाव आयोग से नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। वहीं मामले की अगली सुनवाई तक शरद पवार अपनी सियासी पार्टी के लिए एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम का इस्तेमाल करेंगे। वहीं अगर शरद पवार चुनाव आयोग से चिन्ह की मांग करते है तो आयोग को एक हफ्ते के भीतर चिन्ह जारी करना होगा।
बता दें कि 6 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना था। आयोग ने ये फैसला बहुमत के आधार पर लिया था। आयोग ने कहा था कि अजीत पवार गुट एनसीपी चुनाव चिन्ह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके एक दिन बाद चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को एनसीपी गुट को एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम दिया था। हालांकि चुनाव चिन्ह नहीं दिया गया। आयोग ने कहा था कि एनसीपी के सांसदो, विधायकों और एमएलसी की कुल संख्या 81 है। इसमें अजीत पवार के समर्थन में 57 विधायकों के हलफनामें सौंपे गए। जबकि शरद पवार के समर्थन में केवल 28 हलफनामें थे।
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