नई दिल्लीः लोकसभा और राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक दोनों सदनों को मिलाकर कुल 143 सांसदों को निलंबित किया जा चुका हैं। अब इस मुद्दे को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यसभा सभापति जगदिर धनखड़ को चिट्टी लिखी है। उन्होंने चिट्टी […]
नई दिल्लीः लोकसभा और राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक दोनों सदनों को मिलाकर कुल 143 सांसदों को निलंबित किया जा चुका हैं। अब इस मुद्दे को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यसभा सभापति जगदिर धनखड़ को चिट्टी लिखी है। उन्होंने चिट्टी में जिक्र किया है कि कुछ ऐसे सांसदों को भी निलंबित किया गया है। जिन्होंने सदन की गरिमा को ठेस नहीं पहंचाई है। साथ ही उन्होंने लिखा की संसद में सुरक्षा चूक मामले की जांच गहराई से होनी चाहिए। यह एक चिंताजनक विषय है।
एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि सांसदों को स्पष्टीकरण मांगने और संसदीय माहौल की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वैध अधिकार है। जो हमारे देश के लोकतंत्र का चिन्ह है। हालांकि, सरकार ने न केवल इस तरह के बयान से खुद को दूर कर लिया, बल्कि देश की सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था की सुरक्षा में चूक पर सफाई मांगने वाले सांसदों को निलंबित करने की कार्रवाई भी की। पवार ने कहा कि उन्हें यह बताया गया है कि कुछ सांसद जो सदन के वेल में नहीं गए, नारेबाजी नहीं की और ‘लगातार’ व्यवधान में शामिल नहीं थे, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि बीते सप्ताह एक सख्श ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दिर्घा से कूदकर सांसदों के बीच पहुंच हंगामा खड़ा किया था। साथ ही अपने पास से स्प्रे निकालकर छिड़क दिया था। जिससे वहां धुंआ – धुंआ छा गया था। इसके अलावा अन्य आरोपियों ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया था। हालांकि सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर कस्टडी में भेज दिया गया है। इन्हीं मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसद सदन में प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद 143 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया।