नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत को लेकर बड़ा फैसला आया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने अजित पवार वाली पार्टी को ही असली एनसीपी करार दिया है। जानकारी दे दें कि इस फैसले से दिग्गज राजनेता और अजित पवार के चाचा शरद पवार के लिए बड़ा झटका है। जानकारी के अनुसार, करीब 6 महीने से ज्यादा […]
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत को लेकर बड़ा फैसला आया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने अजित पवार वाली पार्टी को ही असली एनसीपी करार दिया है। जानकारी दे दें कि इस फैसले से दिग्गज राजनेता और अजित पवार के चाचा शरद पवार के लिए बड़ा झटका है। जानकारी के अनुसार, करीब 6 महीने से ज्यादा समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा कर दिया है। इस दौरान अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया गया है। वहीं अब एनसीपी((Sharad Pawar) का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा।
जानकारी दे दें कि चुनाव आयोग के अनुसार शरद पवार गुट अपने समय पर बहुमत साबित नहीं कर सका, जिसके वजह से चीजें उनके पक्ष में नहीं गई। इसी कारण महाराष्ट्र से राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए, शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39AA का पालन करने के लिए विशेष रियायत दी गई हैं और उनको 7 फरवरी शाम तक नई पार्टी गठन के लिए तीन नाम देने को कहा गया है।
इस दौरानकई वकीलों ने अजित पवार गुट के लिए दलीलें रखीं। जिनमें से नीरज कौल, मुकुल रोहतगी,अभिकल्प प्रताप सिंह, श्रीरंग वर्मा, देवांशी सिंह, आदित्य कृष्णा और यामिनी सिंह शामिल हैं।
दरअसल, पिछले साल(2023) में अजित पवार ने बगावत करते हुए एनसीपी दो फाड़( गुट) कर दी थी। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया था। वहीं अजित के साथ कई विधायक भी सरकार में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने पार्टी पर अधिकार का दावा किया था और अपने गुट को असली एनसीपी बताया था। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने भी अजित गुट को असली एनसीपी करार दे दिया था। वहीं इस फैसले को शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और अब चुनाव आयोग ने भी अजित गुट को ही असली(Sharad Pawar) एनसीपी बताते हुए शरद पवार को बड़ा झटका दिया है।
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