Sharad Pawar on Maharashtra Assembly Elections, Sharad Pawar ne kaha Pulwama Jaise hamle se badlega logo ka mood: एनसीपी नेता शरद पवार ने दावा करते हुए कहा है कि पुलवामा हमले जैसी घटना ही महाराष्ट्र के लोगों का मूड बदल सकती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले के बाद जिस तरह पहले लोगों में ये गुस्सा कम हुआ है वैसे ही इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी घटना लोगों का मूड बीजेपी के पक्ष में कर सकती है. अपनी पार्टी के नेताओं के पलायन के बारे में बात करते हुए, पवार ने कहा कि इन नेताओं ने कहा कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा या शिवसेना में शामिल हो रहे हैं.
औरंगाबाद. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा, महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बहुत आक्रोश है और केवल पुलवामा जैसी घटना इस भावना को चुनाव से पहले बदल सकती है. शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में भाग लेने के बाद वहां मौजूद मीडिया से बात करते हुए ये बयान दिया. शरद पवार ने कहा, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा था. लेकिन पुलवामा हमले ने पूरी स्थिति बदल दी. दरअसल इस साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले में चालीस अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए थे, जिससे भारत सरकार ने पाकिस्तान के इलाके के अंदर बालाकोट में घुसकर एक आतंकी अड्डे पर हवाई हमला किया. माना जाता है कि हवाई हमलों से मोदी सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है.
शरद पवार ने कहा कि वह अगले महीने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार के लिए गुस्सा देख रहे हैं. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, केवल एक और पुलवामा हमले जैसी स्थिति लोगों के दिमाग को बदल सकती है. उन्होंने कहा, हम धर्मनिरपेक्ष ताकतों को (चुनाव के लिए) लाने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस और राकांपा एक साथ आए हैं. हम बहुजन विकास अगाड़ी, समाजवादी पार्टी और अन्य छोटे दलों को अपने साथ लेने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राकांपा राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ हाथ मिलाने को तैयार थी, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं थी.
अपनी पार्टी के नेताओं के पलायन के बारे में बात करते हुए, पवार ने कहा कि इन नेताओं ने कहा कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा या शिवसेना में शामिल हो रहे हैं. लेकिन 52 साल के अपने करियर के दौरान, मैं लंबे समय तक सत्ता में नहीं था. फिर भी इस कारण बारामती (उनके पूर्व निर्वाचन क्षेत्र) के विकास में बाधा नहीं आई.
पवार ने कहा, मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान लोगों ने ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के अस्तित्व के बारे में जाना. मैंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है, लेकिन इस तरह के दुरुपयोग (एजेंसियों का) पहले नहीं देखा गया था. आर्थिक मंदी पर, पवार ने कहा कि निवेश को आकर्षित करने के लिए एक नीतिगत निर्णय होना चाहिए, लेकिन ऐसे कोई कदम नहीं उठाया जा रहे हैं.