नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (27 सितंबर) को दिल्ली विधानसभा को संबोधित किया। उन्होंने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा को शर्म आती है। उन्होंने अजित पवार का जिक्र करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति पर प्रधानमंत्री घोटाले का आरोप लगाते हैं, […]
नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (27 सितंबर) को दिल्ली विधानसभा को संबोधित किया। उन्होंने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा को शर्म आती है। उन्होंने अजित पवार का जिक्र करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति पर प्रधानमंत्री घोटाले का आरोप लगाते हैं, उसे राज्य का डिप्टी सीएम बना दिया जाता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसे 25 ‘रत्न ‘ पीएम नरेंद्र मोदी के नगीने हैं। उन्होंने आगे कहा कि “मैंने चार-पांच दिन पहले मोहन भागवत को एक पत्र लिखा था। उस पत्र में मैंने उनसे पांच मुद्दों पर बात की थी। उनमें से एक मुद्दा यह था कि जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी इस देश के सबसे भ्रष्ट नेताओं को ईडी और सीबीआई से डराकर या पैसे का लालच देकर दूसरी पार्टियों से अपनी पार्टी में ला रहे हैं, क्या वह (मोहन भागवत) इसे समझते हैं?”
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 27, 2024
अपनी बात को आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा, “27 जून 2023 को प्रधानमंत्री ने कहा कि अजित पवार पर 70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। हम उन्हें जेल भेजेंगे। पांच दिन बाद 2 जुलाई को उन्हें अपनी सरकार में शामिल किया और उपमुख्यमंत्री बनाया। मैं उनसे (भाजपा) पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें शर्म आती है… जब आप अपनी गली और अपने घर जाते हैं तो क्या चेहरा दिखाते हैं।”
पूर्व सीएम ने आगे कहा, “22 जुलाई 2015 को भाजपा कहती है कि हिमंत बिस्वा सरमा एक बड़े भ्रष्ट व्यक्ति हैं। एक महीने बाद 23 अगस्त 2015 को वे उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करते हैं।” इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा, ”एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर सीबीआई और ईडी का केस था, पीएम मोदी ने उन्हें बंद करवा दिया।
प्रताप सरनाइक पर ईडी का केस था और ईओडब्ल्यू का केस था, दोनों बंद कर दिए गए। हसन मुश्रीफ पर ईडी का केस था, उसे रोक दिया गया। भावना गवली पर ईडी का केस था। यशवंत जाधव पर ईडी का केस था। सीएम रमेश, रविंदर सिंह, संजय सेठ, सुवेंदु अधिकारी, के.गीता, छगन भुजबल, कृपाशंकर सिंह, दिगंबर कामत, अशोक चौहान, नवीन जिंदल, तपस रे, अर्चना पाटिल, गीता कोड़ा, बाबा सिद्दीकी, ज्योति मिंडा, सुजाना चौधरी… ये है इनकी ईमानदारी। क्या आपको लाल किले पर खड़े होकर देश को बेवकूफ बनाने में शर्म नहीं आती.’ ‘
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