मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और मांग की कि पीएम मोदी को उनका बचाव करने के बजाय उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। इस पर शाह ने पलटवार किया हैं.
नई दिल्ली : राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर अंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार शाह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। अब गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि संविधान की गौरवशाली गाथा पर दोनों सदनों में चर्चा होनी थी। जब संसद में चर्चा होती है तो एक बात कॉमन होती है कि तथ्यों पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन कल से कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। यह निंदनीय है।
उन्होंने कहा, ‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की है, वह निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान, संविधान के निर्माण के मूल्यों और जब भी कांग्रेस या भाजपा सत्ता में रही, सरकार ने संविधान के मूल्यों का मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन कैसे किया, इस पर तथ्यों और कई उदाहरणों के साथ विषय प्रस्तुत किए।’ कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है।
उन्होंने कहा, ‘इससे साबित हो गया है कि कांग्रेस अंबेडकर जी विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सभी मूल्यों को नष्ट कर दिया, सालों तक महिलाओं के सम्मान की अनदेखी की, हमेशा न्यायपालिका का अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और यहां तक कि संविधान को तोड़कर भारत की जमीन दूसरे देशों को देने का दुस्साहस भी कांग्रेस के शासन में ही किया गया।’
अमित शाह ने कहा, ‘जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने किस तरह बाबा साहब अंबेडकर का विरोध किया। किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की… जहां तक भारत रत्न देने की बात है, तो कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है। नेहरू जी ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहेब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार थी… अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है।
उन्होंने कहा, ‘सर्वदलीय मंत्रिमंडल देश का पहला मंत्रिमंडल था जिसमें बाबा साहेब अंबेडकर भी सदस्य थे, नेहरू जी प्रधानमंत्री थे। नेहरू जी की पुस्तक ‘सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ जवाहरलाल नेहरू’ में एक और उल्लेख आता है। नेहरू जी के आश्वासन के बावजूद भीम राव अंबेडकर को कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया… एक तरफ कांग्रेस पार्टी है। जब तक कांग्रेस सत्ता में थी, बाबा साहेब अंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बनाया गया। जहां-जहां विपक्ष की सरकारें आईं, वहां स्मारक बनते रहे।
भाजपा सरकारों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पंचतीर्थ विकसित किए, मध्य प्रदेश के महू, लंदन में डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर स्मारक, नागपुर में दीक्षाभूमि, दिल्ली में राष्ट्रीय स्मारक और महाराष्ट्र के मुंबई में चैत्रभूमि को विकसित करने का काम भाजपा सरकारों ने किया। 19 नवंबर 2015 को पीएम मोदी ने अंबेडकर जी के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया।’
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