नई दिल्ली: भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार-22 अक्टूबर को 60 साल के हो गए. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. इस बीच गृह मंत्री शाह ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत तमाम मुस्लिम नेताओं को मिर्ची लग सकती है.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन का भारतीय रेजिडेंस परमिट बढ़ाने का फैसला किया. इससे पहले बांग्लादेशी लेखिका ने 22 अक्टूबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर गृह मंत्री से मदद मांगी थी. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि मेरा भारतीय रेजिडेंस परमिट जुलाई महीने में ही एक्सपायर हो गया है. लेकिन गृह मंत्रालय उसे फिर रिन्यू नहीं कर रहा है.
गृह मंत्रालय से परमिट मिलने के बाद लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है. बता दें कि तस्लीमा भारत को अपना दूसरा घर बताती हैं. उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार मुझे भारत में रहने देगी, तो मैं उनकी शुक्रगुजार रहूंगी.
मालूम हो कि बांग्लादेश में जन्मी तसलीमा नसरीन अभी भारत में रह रही हैं. वह अक्सर इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं. तसलीमा ने नब्बे के दशक में लज्जा (1998) और अमर मेयेबेला (1998) नाम से दो किताबें लिखी थीं. उनकी इस किताब का इस्लामिक जगत में काफी विरोध हुआ था. भारत में भी असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी AIMIM तसलीमा का काफी विरोध करती है.
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