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PM मोदी को सौंपा गया सेंगोल, कल नए संसद भवन में होगा स्थापित

नई दिल्ली : रविवार को हो रहे नए संसद के उद्घाटन से पहले PM मोदी ने शनिवार को पीएम आवास में तमिलनाडु के अधीनम महंत से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने PM मोदी को कल संसद भवन में स्थापित करने के लिए सेंगोल सौंपा. महंत अधीनम ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सत्ता हस्तांतरण के नाम […]

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PM मोदी को सौंपा गया सेंगोल, कल नए संसद भवन में होगा स्थापित
  • May 27, 2023 10:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : रविवार को हो रहे नए संसद के उद्घाटन से पहले PM मोदी ने शनिवार को पीएम आवास में तमिलनाडु के अधीनम महंत से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने PM मोदी को कल संसद भवन में स्थापित करने के लिए सेंगोल सौंपा. महंत अधीनम ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सत्ता हस्तांतरण के नाम से जाने वाले इस सांस्कृतिक धरोहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा. आज PM आवास में हो रहे इस पंरपरा के दौरान 21 अधीनम मौजूद रहे. इस परंपरा के निर्वहन से पहले PM मोदी को परंपरा के अनुसार सुनहरे रंग का अंगवस्त्रम दिया गया जिसके बाद उन्होंने वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार अधीनम से सेंगोल को प्राप्त किया. आज हो रहे इस पुरे परंपरा में वित्त मंत्री सीतारमण भी शामिल रहीं.

PM आवास में पूरी की गई सेंगोल सौपने की परंपरा

कल यानी रविवार को संसद भवन का उद्घाटन समारोह होने जा रहा है. जिससे पहले शनिवार के दिन अधीनम महंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंचे थे. PM मोदी ने अधीनम से मुलाकात किया और उनका आशीर्वाद लेकर इस परंपरा की शुरुआत की. जिसके बाद परंपरा के अनुसार अधीनम महंत ने सेंगोल को PM मोदी को सौंपा. आपको बता दें कि 28 मई को यानी कल ही नए संसद भवन का उद्घाटन होने जा रहा है. जिसका उद्घाटन PM मोदी के हाथों पुरे वैदिक विधि-विधान के साथ होने जा रहा है. . इससे पहले प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपने एक जारी बयान में कहा कि ये नया संसद भवन भारत के गौरव का प्रतीक होगा जो हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा.

 

जाने सेंगोल के बारे में

आज की इस परंपरा से एक दिन पहले सेंगोल की कुछ तस्वीरें भी देखने को मिली थी. यह सेंगोल 5 फीट लंबे चांदी से बना हुआ है जिस पर सोने की परत चढ़ाई गई है. इस सेंगोल पर झंडे बने हुए हैं और इसके ऊपरी हिस्से पर नंदी का प्रतीक बना हुआ हैं. वहीं झंडे के नीचे कुछ लिखा हुआ है जो कि तमिल भाषा में है. हालांकि कुछ दिन पहले ही इस सेंगोल को प्रायगराज से दिल्ली लाया गया था जिसके बाद इसे दिल्ली के म्यूजियम में रखा गया था. बता दें की वर्ष 1947 में बनाया गया था ये सेंगोल.

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