नई दिल्ली। स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों के कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की खबरें आ रही हैं. इससे अभिभावकों में डर पैदा हो गया है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं. मगर ऐसे माता-पिता के लिए अब राहत की खबर है. विशेषज्ञों ने दी ये राए विशेषज्ञों का कहना […]
नई दिल्ली। स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों के कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की खबरें आ रही हैं. इससे अभिभावकों में डर पैदा हो गया है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं. मगर ऐसे माता-पिता के लिए अब राहत की खबर है.
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के संक्रमित होने से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें हल्का संक्रमण हो रहा है, जिसके लिए साधारण इलाज ही काफी है. हालांकि उन्होंने पात्र बच्चों के टीकाकरण पर भी जोर दिया है. विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क का सही तरीके से उपयोग, स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करना और नियमित रूप से हाथ धोना उनकी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए.
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘घबराने की जरूरत नहीं है. महामारी की पिछली लहरों के आंकड़ों से स्पष्ट है कि बच्चे संक्रमित हो भी जाते हैं, उन्हें हल्की बीमारी होती है और वे सामान्य उपचार से ठीक भी हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि जो बच्चे टीके से वंचित हैं उन्हें टीका लगवाना चाहिए.
महामारी और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया कहते हैं, हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि स्कूलों के खुलने से बच्चों के संक्रमित होने की खबरों पर ध्यान दिया जा रहा है. विभिन्न सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि 70 से 90 प्रतिशत बच्चे उस समय संक्रमित हुए थे जब स्कूल बंद थे. उन्होंने कहा कि यह सच है कि वयस्कों की तरह बच्चों को भी कोरोना होने का खतरा होता है, लेकिन उनमें से ज्यादातर ऐसे मरीज होते हैं जिनमें बिना लक्षण या हल्के लक्षण ही होते हैं.
फिलहाल देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि पिछले तीन दिनों से लगातार एक्टिव केस बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1150 नए मामले मिले हैं. एक्टिव केस बढ़कर 11,558 हो गए हैं. कोविन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, एंटी-कोरोना वैक्सीन की 186.40 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं.