नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सीबीआई निदेशक के तौर पर बहाल आलोक वर्मा पर लगे आरोपों पर विचार करने के लिए सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय सेलेक्शन कमिटी की बुधवार शाम 8 बजे बैठक बुलाई है जिस पर संशय है. कमिटी की ये मीटिंग अब शुक्रवार तक टल सकती है क्योंकि इसके सदस्य कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ने-समझने के लिए इसे 11 जनवरी तक टालने का अनुरोध किया है. कमिटी में मोदी और खड़गे के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस एके सीकरी होंगे.
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली तीन सदस्यीय कमिटी में प्रधानमंत्री के अलावा नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होते हैं. खड़गे को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता होने के नाते कमिटी में रखा गया है जबकि जस्टिस एके सीकरी को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपनी जगह भेजा है क्योंकि सीबीआई निदेशक पद से आधी रात छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा की अपील को सुनने और फैसला सुनाने वाले जज में खुद जस्टिस गोगोई शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आलोक वर्मा के मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि सीवीसी और केंद्र सरकार का सीबीआई डायरेक्टर को छुट्टी पर भेजने का फैसला गलत था और उन्हें दोबारा पद पर बहाल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के तौर पर तब तक कोई नीतिगत फैसला यानी पॉलिसी डिसीजन नहीं करने को कहा है जब तक सेलेक्शन कमिटी उनके मामले पर विचार ना कर ले. कोर्ट ने सेलेक्शन कमिटी को एक हफ्ते के अंदर आलोक वर्मा के मामले पर फैसला करने कहा था.
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