नई दिल्ली: दिल्ली HC के आदेश पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जिसकी रिपोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट के समक्ष पेश की गई। रिपोर्ट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के स्कूलों के छात्रों की बदहाल स्थिति का ब्योरा देख अदालत भी चौक गई। रिपोर्ट में क्या कहा गया? रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के […]
नई दिल्ली: दिल्ली HC के आदेश पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया गया। जिसकी रिपोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट के समक्ष पेश की गई। रिपोर्ट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के स्कूलों के छात्रों की बदहाल स्थिति का ब्योरा देख अदालत भी चौक गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के स्कूलों की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। स्कूलों मे डेस्क टूटे पड़े हैं, और कक्षाओं में क्षमता से ज्यादा छात्र बैठते हैं। किसी जगहों पर जर्जर इमारतों में भी स्कूल चल रहे हैं। स्कूलों में पढ़ रहे छह लाख बच्चों को अभी तक कॅापी-किताब और अन्य सामग्री नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट को देखकर निगम और दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन औऱ न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने इस मामले को सुना। सीनियर वकील अशोक अग्रवाल की ओर से पेश रिपोर्ट देखकर पीठ ने कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों की बदहाल हालत के लिए जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। पीठ ने यह भी कहा कि रिपोर्ट साफ बता रही है कि शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारी स्कूलों की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
पीठ ने कहा कि किसी भी सीनियर अधिकारी के बच्चे इन स्कूलों में नहीं जाते हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारी अगली पीढ़ी का क्या होने वाला है? इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि जेलें भरी हुई हैं। पीठ ने शिक्षा सचिव को इस पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए भी कहा है।
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