Security Removed of Hurriyat leaders: जम्मू कश्मीर में हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाई जा रही है. इसके निर्देश गृह मंत्रालय ने दिए हैं. पुलवामा में हुए आतंकि हमले के बाद ये कड़े कदम उठाए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि आंतकियों की फंडिंग करने वालों की सुरक्षआ हटाने के निर्देश हैं.
नई दिल्ली. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ. हमले में 44 जवान शहीद हो गए. हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. वहीं सरकार का कहना है कि हमले में शामिल आतंकियों को सबक सिखाया जाएगा. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सूत्रों का कहना है कि सरकार ने घाटी में रह रहे अलगाववादियों को सरकार की ओर से दी जा रही सुरक्षा हटाने के निर्देश दिए हैं. ये निर्देश रक्षा मंत्रालय की ओर से आए हैं. निर्देश में कहा गया है कि कश्मीर और जम्मू में रह रहे हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा दी जाए.
बता दें कि कश्मीर में कई ऐसे अलगाववादी हुर्रियत नेता हैं जो भारत में रह रहे हैं और फिर भी भारत के खिलाफ खुलकर जमकर दुष्प्रचार करते हैं. ये घाटि की युवाओं के दिमाग में जहर घोलते हैं. हैरानी की बात ये है कि इन अलगाववादियों को सरकार की ओर से ढेर सारी सुविधाएं दी जाती हैं. उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के चलते वो शाही जिंदगी जीते हैं. 1 अप्रैल 2015 में राज्य सरकार की विधानसभा में जारी एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि सरकार ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं समेत प्रदेश के कुल 1,472 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में 506.75 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इन्हें राज्य सरकार द्वारा राजनीतिक कार्यकर्ता करार दिया गया है और इनके लिए सुरक्षा अहम बताई गई है. इनके लिए सरकार की ओर से निजी सुरक्षा गार्ड,गार्ड, गाड़ियों के डीजल और होटल में ठहराने के प्रबंध पर खर्च किए जाते हैं.
HM Rajnath Singh in Srinagar: There are some elements here who take money from Pakistan and ISI. I have told the officers that the security provided to such people should be reviewed. #PulwamaAttack https://t.co/6x1wB45uGJ
— ANI (@ANI) February 15, 2019
शुक्रवार शाम को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि, पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से फंड पा रहे लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जानी चाहिए. उनके इस बयान के बाद अटकलें शुरू हो गई कि सरकार अलगाववादियों की सुरक्षा हटाने पर विचार कर रही थी. वहीं अब सूत्रों ने इन अटकलों को सही करार दिया है और कहा है कि सरकार ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं.