नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले दिल्ली पुलिस ने आस-पास की सुरक्षा बढ़ा दी है. करीब 70 पुलिसकर्मियों के स्टाफ को नई संसद के इमारत के आस-पास तैनात किया गया है. एसीपी रैंक के अधिकारी इस टीम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस को यह इनपुट मिला है […]
नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले दिल्ली पुलिस ने आस-पास की सुरक्षा बढ़ा दी है. करीब 70 पुलिसकर्मियों के स्टाफ को नई संसद के इमारत के आस-पास तैनात किया गया है. एसीपी रैंक के अधिकारी इस टीम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस को यह इनपुट मिला है कि नई संसद की बाहरी दीवारों पर सरकार विरोधी और प्रधानमंत्री विरोधी नारे लिखे जा सकते हैं.
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को उद्घाटन समारोह को लेकर दिल्ली पुलिस की हाई लेवल मीटिंग हुई थी. इस बैठक में नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट में सिक्योरिटी के अरेंजमेंट की समीक्षा की गई. साथ ही मल्टी लेयर सिक्योरिटी की तैयारियों पर चर्चा हुई. बता दें कि पिछले एक महीने से अधिक वक्त से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने उद्घाटन वाले दिन संसद भवन के सामने पंचायत लगाने का ऐलान किया है.
बता दें कि 21 विपक्षी दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है. उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई संसद की इमारत का उद्घाटन करें. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के सांसद संजय राउत इस मामले को लेकर ज्यादा मुखर हैं. उन्होंने कहा है कि पीएम विदेश में जाकर लोकतंत्र की बात करते हैं, जबकि सच्चाई तो ये है कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी सबसे पहले राष्ट्रपति नए सांसद भवन के उद्घाटन का न्योता दीजिए, उसके बाद लोकतंत्र की बात कीजिए.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी बुधवार को विपक्षी दलों से इस बहिष्कार पर फिर से विचार करने की अपील की थी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं को बताना चाहता हूं कि यह एक ऐतिहासिक घटना है. इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. यह राजनीति का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना और उसे मुद्दा बनाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं विपक्षी पार्टियों से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं.
New Parliament: जानिए नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर क्या कहता है भारत का संविधान