प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना से एससी/एसटी वर्ग को होगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए कैसे

15 अगस्त को लाल किले से दिए भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हेल्थकेयर स्कीम पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस यानी 25 सितंबर को लॉन्च की जाएगी. इस स्कीम के तहत गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना से एससी/एसटी वर्ग को होगा सबसे ज्यादा फायदा, जानिए कैसे

Aanchal Pandey

  • August 29, 2018 8:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है. इसका कारण है कि नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन के तहत बतौर लाभार्थी चुने गए 40 प्रतिशत या 4.21 करोड़ लोग अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हैं. हालांकि यह अनुपात देश की आबादी में एससी और एसटी के कुल अनुपात से अधिक है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह बहुत ज्यादा अचंभित करने वाली बात नहीं है क्योंकि हेल्थ केयर प्रोग्राम वंचितों के लिए ही है.

2011 की जनगणना के मुताबिक देश की कुल आबादी में एससी 16.6 प्रतिशत और एसटी 8.6 प्रतिशत हैं. आयुष्मान भारत के तहत 19 प्रतिशत लाभार्थी एससी और 22 प्रतिशत एसटी होंगे. जेएनयू के अर्थशास्त्री हिमांशु ने कहा, ”देश में कुल उपस्थिति की तुलना में इस योजना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व बहुत ज्यादा है. वह इसलिए क्योंकि यह योजना भारत की निचली 40 प्रतिशत जनसंख्या तक पहुंचेगी, जिसमें ज्यादातर एससी और एसटी हैं.”

आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा योजना है, जिसे 15 अगस्त को लॉन्च किया जाना था. लेकिन मुश्किलों को देखते हुए सरकार अब चरणबद्ध तरीके से इसे लॉन्च करेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 8 राज्यों में इसे लॉन्च कर दिया गया है. स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह स्कीम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस यानी 25 सितंबर को लॉन्च की जाएगी.

क्या होगा स्कीम में: इस स्कीम के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख का हेल्थ कवर दिया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, ”हम इस सेक्टर में एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं, जिसके बाद हम इस स्कीम को लॉन्च कर देंगे.” 2011 के एसईसीसी डेटा के मुताबिक सरकार ने लाभार्थियों को उनके काम के हिसाब से बांटा है. इनमें ज्यादातर संख्या मजदूरों, प्लम्बर और राजमिस्त्री की है. इसके अलावा भिखारी, घरेलू कामगार, मोची, धोबी, स्वीपर और इलेक्ट्रिशियन को भी इसके तहत रखा गया है.

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