नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट जल्द ही क्षेत्रीय भाषाओं में अपने जजमेंट की कॉपी उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है. मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में खुद चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने इस बात की जानकारी दी है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वोच्च न्यायलय के इस फैसले का स्वागत किया है. रविवार को […]
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट जल्द ही क्षेत्रीय भाषाओं में अपने जजमेंट की कॉपी उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है. मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में खुद चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने इस बात की जानकारी दी है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वोच्च न्यायलय के इस फैसले का स्वागत किया है. रविवार को PM मोदी ने CJI के भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने इस फैसले को एक प्रशंसनीय सोच बताया है. पीएम मोदी ने कहा कि, इससे खासकर युवाओं को मदद मिलेगी.
India has several languages, which add to our cultural vibrancy. The Central Government is undertaking numerous efforts to encourage Indian languages including giving the option of studying subjects like engineering and medicine in one’s Matru Bhasha.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2023
पीएम मोदी ने इस संबंध में एक ट्वीट कर लिखा- ‘हाल ही में एक समारोह में, माननीय सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में एससी निर्णयों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया। यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों, विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी।’ क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के संबंध में उन्होंने आगे कहा- ‘भारत में कई भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को जोड़ती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को मातृ भाषा में पढ़ने का विकल्प देना शामिल है।’
बता दें , मुंबई में काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे CJI ने कहा कि देश का अदालती सिस्टम लोगों के लिए ही बनाया गया है और सिस्टम किसी एक व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकता है। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे युवा वकीलों को संबोधित करते हुए ये सब बताया था । उन्होंने कहा कि मैं कामना करूंगा कि आप ऊंची उड़ान भरें और अपने सपनो को पूरा करे।
कोर्ट में सोशल गैदरिंग पर जोर देते हुए CJI ने कहा- युवा और नए वकीलों को जितने ज्यादा मौके दिए जाएंगे, वकालत का पेशा उतना ही समृद्ध हो जाएगा। हमें अवसर को कुछ खास लोगों तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, इसके लिए हर समुदाय के वकीलों को मौका देना जरुरी है। उन्होंने आगे कहा- मैं सुप्रीम कोर्ट में रोज आधा घंटा युवा वकीलों को सुनता हूं, इससे देश की नब्ज का भी पता चल जाता है।
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