September 23, 2024
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बच्चो की अश्लील वीडियो देखना POCSO के तहत अपराध, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा मद्रास HC का फैसला

  • WRITTEN BY: Neha Singh
  • LAST UPDATED : September 23, 2024, 11:55 am IST

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर मद्रास हाइकोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चों की वल्गर वीडियो को डाउनलोड करना, देखना और उसे पास रखना भी अपराध है। आपको बता दें कुछ दिन पहले मद्रास हाइकोर्ट ने एक केस को ये कहते हुए निरस्त कर दिया था कि बच्चो की अश्लील वीडियो देखना POSCO (Protection of Children from Sexual Offences) और सूचना प्रौघोगिकी अधिनियम के तहत अपराध नही है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल न करें- जस्टिस पारदीवाला

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि हमने अपने तरीके से सभी प्रासंगिक प्रावधानों को दोषियों की मन की स्थिति के अनुमानों पर समझाने की कोशिश की है और दिशा-निर्देश भी तय किए हैं। हमने केंद्र से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह बाल यौन शोषण सामग्री लाने के लिए अध्यादेश जारी करने का अनुरोध भी किया है। हमने सभी हाईकोर्ट से बाल पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल न करने को कहा है।

पारदीवाला ने कहा कि धारा 15(1)- बाल पोर्नोग्राफी सामग्री को दंडित करती है। परिस्थितियों से यह संकेत मिलना चाहिए कि ऐसी सामग्री को साझा करने का इरादा अपराध का गठन करने के लिए है। धारा 15(2)- पोक्सो के तहत अपराध को दर्शाना होगा। यह दिखाने के लिए कुछ होना चाहिए कि (1) वास्तव में प्रसारण हुआ है या (2) धारा 15(3) पोक्सो के तहत अपराध करने के लिए प्रसारण की सुविधा है। यह दिखाने की कोई जरूरत नहीं है कि कुछ हासिल किया गया है… ये तीनों उपधाराएं एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं।

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