नई दिल्ली। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को देश में अचानक नोटबंदी लागू कर दिया गया था और 1000-500 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। सरकार के इस फैसले के बाद पूरे देश के लोगों को अपने नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों के सामने लंबी-लंबी लाइने लगानी […]
नई दिल्ली। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को देश में अचानक नोटबंदी लागू कर दिया गया था और 1000-500 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। सरकार के इस फैसले के बाद पूरे देश के लोगों को अपने नोटों को बदलवाने के लिए बैंकों के सामने लंबी-लंबी लाइने लगानी पड़ी थी। सरकार के इस फैसले के बाद कोर्ट में 58 याचिकाएं दाखिल हुई थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट 2 जनवरी यानी आज फैसला सुनाने वाला है।
आज सुप्रीम कोर्ट केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 2016 में नोटबंदी कराने के निर्णय के खिलाफ 58 याचिकाओं पर फैसला सुनाने वाला है। बता दें कि न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने पांच दिन की बहस के बाद 7 दिसंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। अब न्यायमूर्ति अपनी रिटायरमेंट से ठीक दो दिन पहले यानी आज इस पर फैसला सुनाएंगे।
बता दें कि नोटबंदी पर फैसला सुनाने वाले 5 जजों की संवैधानिक बेंच में न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन, और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना शामिल हैं।
गौरतलब है कि पिछली बार अदालत ने नोटबंदी के मामले में फैसला सुरक्षित करते हुए, केंद्र और आरबीआई से नोटबंदी से जुड़े सभी दस्तावेज और जरुरी रिकॉर्ड अदालत पेश करने को कहा था और इसको सीलबंद लिफाफे में जमा कर दिया गया था।