नई दिल्लीः शिवसेना ( उद्धव ठाकरे गुट ) ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आने से पहले महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर का सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने को गलत करार देते हुए उद्धव ठाकरे गुट ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल किया है। […]
नई दिल्लीः शिवसेना ( उद्धव ठाकरे गुट ) ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आने से पहले महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर का सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने को गलत करार देते हुए उद्धव ठाकरे गुट ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल किया है। बता दें कि 7 जनवरी को सीएम शिंदे और राहुल नार्वेकर ने मुलाकात की थी। वहीं विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर का फैसला 10 जनवरी को आना है।
विधायकों कि अयोग्यता पर फैसले से पहले सीएम शिंदे और राहुल नार्वेकर की मुलाकात का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि विधायकों की पात्रता और अपात्रता पर इसका असर हो सकता है। हमने इसकी शिकायत की है। उद्धव ठाकरे ने आशंका जताते हुए कहा कि हो सकता है फैसला कल न भी आए और इसे चुनाव तक टाला जा सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर सीएम एकनाथ शिंदे सहित अन्य विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिका पर अपना फैसला 10 जनवरी को सुनाएंगे।
एकनाथ शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत के चलते जून 2022 में शिवसेना में टूट हो गई थी। इसी के साथ उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। इसके बाद सीएम शिंदे और ठाकरे गुटों की तरफ से दलबदल रोधी कानूनों के तहत एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गईं थी। इस मामले में शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाने की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2023 तय की थी लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अवधि को 10 दिन बढ़ाकर निर्णय सुनाने के लिए 10 जनवरी की नई तारीख तय की।
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