नई दिल्ली/पटना। दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में दोषी आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर ये नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दो हफ्ते के […]
नई दिल्ली/पटना। दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में दोषी आनंद मोहन की रिहाई के फैसले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर ये नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। बता दें कि बाहुबली नेेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को बीते दिनों जेल से रिहा कर दिया गया। बिहार की नीतीश सरकार ने जेल नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन की समय से पहले रिहाई सुनिश्चित किया।
इससे पहले नीतीश सरकार ने जेल के नियमों में बदलाव करते हुए आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को रिहा कर दिया। बिहार की सहरसा जेल में आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे थे। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया है कि आनंद मोहन की आड़ में जिन अन्य 26 कैदियों को रिहा कराया गया हैं। वो सभी जंगलराज के पुरोधा हैं। अब इनकी रिहाई के बाद एक बार फिर बिहार में गुंडाराज आने वाला है।
इसके अलावा रिहाई को लेकर जी कृष्णैया की बेटी और पत्नी ने भी नीतीश सरकार से अपने फैसले पर पुर्नविचार करने की अपील की थी। जिसके बाद जब नीतीश सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए तो कृष्णैया के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। बता दें, आनंद मोहन की रिहाई को लेकर आईएएस लॉबी में काफी ज्यादा आक्रोश हैं।
गौरतलब है कि, साल 1994 में जी कृष्णैया की हत्या उस वक्त हुई थी जब वो गोपालगंज के डीएम थे। मुजफ्फरपुर मेंशव यात्रा के जुलूस निकालने के दौरान उन पर हमला हुआ था। इस दौरान भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। आगे जाकर भीड़ को भड़काने और हत्या को कराने के आरोप आनंद मोहन पर लगे थे। इस मामले में पुलिस ने आनंद मोहन समेत 6 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसके बाद उसे 2007 में फांसी की सजा हुई थी। जिसे 2008 में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था। जिसके बाद से वो सजा काट रहे थे।