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VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग पर SC ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाली वकील तथा कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की याचिका पर निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार से सोमवार को जवाब मांगा। वर्तमान में, वीवीपीएटी पर्चियों के माध्यम से सिर्फ पांच रैंडम रूप से चयनित ईवीएम के सत्यापन के मौजूदा चलन के […]

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Supreme Court News
  • April 2, 2024 8:17 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाली वकील तथा कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की याचिका पर निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार से सोमवार को जवाब मांगा। वर्तमान में, वीवीपीएटी पर्चियों के माध्यम से सिर्फ पांच रैंडम रूप से चयनित ईवीएम के सत्यापन के मौजूदा चलन के विपरीत चुनावों में वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती करने की मांग की है। इस मामले में चार सप्ताह में जवाब तलब किया गया है।

क्या है मांग?

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में इलेक्शन कमीशन के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि वीवीपैट सत्यापन क्रमिक रूप से होगा। अर्जी में कहा गया है कि चुनाव न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिए, क्योंकि सूचना के अधिकार को भारत के संविधान के आर्टिकल 19(1) (ए) तथा 21 के संदर्भ में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का ही हिस्सा माना गया है।

वीवीपीएटी के मत को सत्यापित करने का अधिकार

वोटर को आर्टिकल 19 तथा 21 के तहत सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत चुनाव आयोग (2013) में न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक अपने द्वारा डाले गए वोट और वीवीपीएटी के पेपर वोट को सत्यापित करने का अधिकार है। दाखिल की गई अर्जी में चुनाव आयोग को सभी वीवीपैट पेपर पर्चियों की गिनती करके वीवीपैट के माध्यम से वोटर द्वारा ‘डाले गए वोटों के रूप में दर्ज’ किए गए मतों के साथ अनिवार्य रूप से क्रॉस-सत्यापन करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है।

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