नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिवंगत पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से फिर बड़ी राहत मिली है. जहां उनकी अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाकर 17 मार्च कर दिया गया है. बता दें, उनके खिलाफ कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. इस मामले में उन्हें 24 फरवरी को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था. उनके खिलाफ असम पुलिस ने करीब 15 FIR दर्ज़ किए थे.
गौरतलब है कि पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार कर लिया गया था जब वह रायपुर के लिए रवाना हो रहे थे. इस दौरान उनके साथ और भी कांग्रेस नेता मौजूद थे. असम में पवन खेड़ा के खिलाफ कई मामले दर्ज़ किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी. एक बार फिर उन्हें शीर्ष अदालत से राहत मिली है जहां उनकी अंतरिम जमानत 17 मार्च तक के लिए बढ़ा दी गई है. अब सुप्रीम कोर्ट होली की छुट्टी के बाद उनकी जमानत याचिका पर कार्रवाई करेगी. दरअसल चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने समय के अभाव में यह फैसला लिया है.
गौरतलब है कि गुरुवार (23 फरवरी) को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था. उनके खिलाफ एक विवादित बयान को लेकर असम पुलिस के पास 15 से अधिक मामले दर्ज़ थे. जिसके बाद असम सरकार के कहने पर खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था. बता दें, उनकी ये विवादित टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ थी. इस मामले में उन्हें उसी शाम सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत भी मिल गई थी जो अब 3 मार्च तक जारी रहने वाली है.
पवन खेड़ा ने कोर्ट से बाहर आने के बाद मीडिया से कहा था कि ‘मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मैं जानता हूं कि मैंने आज जो सच की लड़ाई है, उसमें संघर्ष करना पड़ता है. मैं लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा.’ इस दौरान जब पवन खेड़ा से उनपर हुए केस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया. बता दें, सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा की तरफ से दलील रखी थी. अपनी दलील में सिंघवी ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी पर दिया गया खेड़ा का बयान स्लिप ऑफ टंग था, जिसके लिए खेड़ा ने उस समय माफ़ी भी मांग ली थी.
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