नई दिल्लीः दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत फिलहाल बरकरार रखी है। अब वह 4 दिसंबर तक जमानत पर जेल से बाहर ही रहेंगे। शीर्ष अदालत मनी लॉड्रिंग के इस मामले में चार दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा। अंतरिम जमानत बरकरार रखने […]
नई दिल्लीः दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत फिलहाल बरकरार रखी है। अब वह 4 दिसंबर तक जमानत पर जेल से बाहर ही रहेंगे। शीर्ष अदालत मनी लॉड्रिंग के इस मामले में चार दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा। अंतरिम जमानत बरकरार रखने का आदेश देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टाल दी गई है।
सीबीआई ने मंत्री के खिलाफ दर्ज किया था मामला
जानकारी दे दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत पर इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 6 नवंबर को सुनवाई हुई थी। उस दौरान कोर्ट ने अंतरिम जमानत 24 नवंबर तक बरकरार रखने का आदेश दिया था। मामले को लेकर 24 नवंबर को जमानत पर अगली सुनवाई होनी थी। वहीं सत्येंद्र जैन की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जैन को 2017 में सीबीआई के मुकदमे में ज़मानत मिल गई थी। सीबीआई केस में सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ईडी ने 30 अगस्त 2017 को मामला दर्ज किया था।
जानकारी दे दें कि सत्येंद्र जैन को ईडी ने 30 मई 2022 को अरेस्ट किया था। उन्होंने जांच में हमेशा सहयोग किया है। वो अब तक 7 बार केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश हुए हैं। सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि ईडी किसी को अरेस्ट नहीं कर सकती थी, लेकिन स्पष्ट कारण बताए बिना किसी को अरेस्ट नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या वैभव और अंकुश जैन आपके लड़के हैं ? इसपर सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि नहीं, सिर्फ उनका सर नेम मेरे जैसा है।
सत्येंद्र जैन की ओर पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चार्जशीट में कही गई बातों को ईश्वरीय सत्य नहीं माना जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि चेक पीरियड से 5 साल पहले उनकी पत्नी ने 2008 में कंपनी के शेयर खरीदे थे। जांच एजेंसी का आरोप है कि कोलकाता की कंपनियों ने इन 3 कंपनियों के शेयर खरीदकर पैसा वापस कर दिया था। वैभव और अंकुश ने कोलकाता की कंपनियों को इन शेयरों को खरीदने के लिए पैसा दिया, वह पैसा सत्येंद्र जैन का था।