नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर योगी सरकार के पॉलिसी न देने पर नाराज़गी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमनें आपको पॉलिसी देने को कहा था और आपने अभी तक नही दी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया कि हमें पॉलिसी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 नवंबर तक पॉलिसी दें. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताज संरक्षित क्षेत्र स्थित शिल्पग्राम में निर्माणाधीन मल्टीलेवल पार्किंग पाए आपने खुद मई में काम बंद किया था. तब क्या पार्किंग की समस्या नही आई. आपने मई में पार्किंग के निर्माण काम क्यों बंद किया था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी तब की जब उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया कि ताज संरक्षित क्षेत्र में पार्किंग की जरूरत है क्योंकि वहां ट्रैफिक की समस्या हो रही है.
इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह ताजमहल व उसके आसपास और ताज ट्रैपिज्यम जोन (टीटीजेड) के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने कहा है कि पर्यावरण कानून और अदालती आदेशों के अनुसार पूरे क्षेत्र में काम हो रहा है. सरकार ने कहा कि 10400 वर्गमीटर क्षेत्र में फैले टीटीजेड में होने वाले सभी विकास कार्य टीटीजेड सहित संबंधित अथॉरिटी के अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने केबाद ही हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि ताजमहल के संरक्षण के लिए अलग से माइक्रो लेवल योजना तैयार करने पर विचार किया जा रहा है. सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि ताजमल केसंरक्षण से संबंधित प्रावधानों को आगरा केमास्टर प्लान, 2021 में शामिल किया गया है. साथ ही ताजमहल के संरक्षण केलिए विशेषज्ञों और प्रतिष्ठिïत संस्थानों से मदद लेने पर विचार कर रहा है.
सरकार ने कहा है कि ताजमहल व टीटीजेड में होने वाले तमाम विकास कार्य संबंधित अथॉरिटी से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के बाद हो रहे हैं. हलफनामे में कहा गया है कि नीरी की सिफारिशों के तहत टीटीजेड अथॉरिटी अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं की निगरानी करता है. हाल में नीरी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजमहल के संरक्षण के लिए धूलरहित पार्किंग सुविधा मुहैया कराने की जरूरत है. साथ ही ताजमहल के पूर्व और पश्चिम दिशा में ओरियेंटेशन सेंटर की जरूरत है. राज्य सरकार ने कहा है कि शिल्पग्राम में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण टीटीजेड अथॉरिटी द्वारा हरी झंडी मिलने केबाद किया जा रहा था.
ताजमहल के आसपास वाहनों की आवाजाही खत्म करने के उद्देश्य से इसका निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना के लिए 11 पेड़ों को काटने की जरूरत है. इसके लिए राज्य सरकार 330 पौधे लगाने के लिए तैयार है. इसके लिए जगह की भी पहचान कर ली गई है. सरकार ने बताया कि पार्किंग का निर्माण पिछले साल 18 जून को शुरू किया गया था लेकिन 20 मई, 2017से निर्माण कार्य रुका पड़ा है. राज्य सरकार ने अदालत से 11 पेड़ों को काटने की इजाजत मांगी है.
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