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SC Hearing In Ayodhya Land Dispute Case Day 7 Written Updates: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई, रामलला विराजमान के वकील ने पेश की रिपोर्ट, कहा- गुंबद की खुदाई में मिली थी राम मूर्ति

नई दिल्ली. SC Hearing In Ayodhya Land Dispute Case Day 7 Written Updates: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में 7वें दिन की सुनवाई शुरू हो गई है. 6 अगस्त से इस मामले पर रोजाना सुनवाई चल रही है. इसके बाद सप्ताह में पांच दिन इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है. मामले की इस सुनवाई पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं. रामलला विराजमान की ओर से वकील एस. वैद्यनाथन कोर्ट में अपने दलीलें पेश कर रहें हें.

SC Hearing In Ayodhya Land Dispute Case Day 7 Written Updates

दोपहर 3.45 बजे. रामलला विराजमान की तरफ सी एस वैधनाथन ने कहा कि सोमवार को वो ASI की रिपोर्ट पर बहस करने के बाद वो गवाहों के बयानों पर पक्ष रखेंगे। वैधनाथन ने कहा कि उन्हें अभी बहस के किये और 3 से 4 घंटे का समय चाहिए। सोमवार को भी रामलला की तरफ से पक्ष रखा जाएगा

दोपहर 2.45 बजे. वैधनाथन ने ASI की खुदाई और रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि जिस तरह का विशाल ईमारत नीचे मिलने के प्रमाण मिले हैं वो बताते हैं कि वहां एक विशाल मंदिर था, जो आम जनता के दर्शन के लिए था.

दोपहर 2.20 बजे.रामलला की तरफ से कहा गया कि ASI की इस रिपोर्ट में इतने सबूत है जिससे साफ होता कि मस्जिद का निर्माण धार्मिक नहीं बल्कि बदनीयती से दूसरे धर्म को कुचलने के लिए किया गया था

दोपहर 2.00 बजे.रामलला के वकील ने कहा खुदाई से मिले अवशेष से साफ है कि यहां एक ढांचा नही बल्कि कई स्तंभों वाली विशाल मंदिर था, वहां पर कई हाल थे जो घरों की संरचना से अलग थे, वहां पर नए स्ट्रक्चर की कोई नई नींव नही है, 15 खम्भो वाला इस्ट्रक्चर भी था

दोपहर 01.40 बजे. रामलला के वकील ने कहा खुदाई से मिले अवशेष से साफ है कि यहां एक ढांचा नही बल्कि कई स्तंभों वाली विशाल मंदिर था, वहां पर कई हाल थे जो घरों की संरचना से अलग थे, वहां पर नए स्ट्रक्चर की कोई नई नींव नही है, 15 खम्भो वाला इस्ट्रक्चर भी था

दोपहर 01.25 बजे.  जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा वहाँ एक कब्र भी मिली है उसका क्या मतलब है? रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि वो बहुत बाद कि है

दोपहर 01.20 बजे. रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि विवादित स्थल की खुदाई से मिले पुरातात्विक अवशेष ये साफ पता चलता है कि ये किसी उत्तर भारतीय मंदिरों के स्थापतिय शैली वाले ही है, ये सिर्फ एक ढांचा ही नही बल्कि अनेक स्तंभों वाली विशाल मंदिर था.

दोपहर 01.15 बजे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने रामलला के वकील वैधनाथन से कहा कि आप साबित कर कि बाबरी मस्ज़िद मंदिर या किसी धार्मिक ईमारत की उप्पर बनी है?

दोपहर 01.10 बजे. रामलला विराजमान की तरफ से कहा कि एक गवाह की तरह से कहा गया था कि ईमारत बौद्ध धर्म से जुड़ा हो सकता है लेकिन ASI ने अपनी रिपोर्ट में इस सुझाव को खारिज कर दिया था.

दोपहर 12.55 बजे. मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया कि जस्टिस बोबड़े ने कहा पूछा था देवता की कार्बन डेटिंग हुई है क्या? मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया कि ईंटो का कार्बन डेटिंग नहीं हो सकती है. कार्बन डेटिंग तभी हो सकती है जब उसमें कार्बन की मात्रा हो. रामलला की तरफ से कहा गया कि देवता की मूर्ति की कार्बन डेटिंग नही हुई है.

दोपहर 12.50 बजे. इस समय कोर्ट में अयोध्या मामले में कार्बन डेटिंग को लेकर बहस चल रही है. रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि दूसरे मेटीरियल का कार्बन डेटिंग किया गया था. इस पर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि कोर्ट ने बाकि चीजों की नहीं बल्कि मूर्ति की कार्बन डेटिंग पूछी थी.

दोपहर 12.29 बजे. रामलला विराजमान पक्ष की ओर से कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं कि वहां पिलर मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल रामलला पक्ष की ओर से हाईकोर्ट का आदेश पढ़ा जा रहा है, जिसमें विवादित स्थल पर ASI को निरक्षण करने का आदेश दिया गया था.

दोपहर 12.20 बजे. 1990 की तस्वीरों का हवाला देते रामलला पक्ष की ओर से कहा गया कि इन तस्वीरों में स्तंभ में शेर और कमल के चित्र हैं. इस तरह के चित्र कभी भी इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं रहे हैं. इस तर्क पर जस्टिस भूषण ने कहा कि 1950 में कमीशन द्वारा लिए गए फोटो जो जगह के बारे में बताते हैं वो 1990 में ली गई तस्वीरों के मुकाबले ज्यादा साफ, स्पष्ट और भरोसेमंद लगते हैं.

दोपहर 12.15 बजे. उन्होंने कहा कि मस्जिद जैसी जगहों पर जीव जंतुओं की मूर्तियां नहीं हो सकती हैं. अगर ऐसी जगह पर जीव जंतुओं की मूर्तियां हैं तो वह मस्जिद नहीं हो सकती है. इस्लाम में नमाज तो कहीं भी पढ़ी जा सकती है. मस्जिदें तो सामूहिक साप्ताहिक और दैनिक प्रार्थना के लिए ही होती है. रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि नमाज तो सड़कों पर भी होती है इसका मतलब ये तो नहीं कि सड़क आपकी हो गई. केवल नमाज अदा करने से वो जगह आपकी नहीं सकती जब तक कि वो आपकी संपत्ति नहीं होती.

दोपहर 12.10 बजे. एस वैद्यनाथन ने ASI की रिपोर्ट की तस्वीरों की एलबम को कोर्ट में पेश किया. तस्वीरों में उन्होंने मेहराब और कमान की तस्वीरें दिखाईं तो 1990 में खींची गई थीं. तस्वीरों में साफ दिखता है कि स्तंभों पर श्रीराम जन्मभूमि लिखा हुआ था. स्तंभों और छत पर बनी मूर्तियां, डिजाइन, आलेख और कलाकृतियां मंदिरों में अलंकृत होने वाली और हिन्दू परंपरा की ही हैं.

दोपहर 12.05 बजे. रामलला के वकील एस वैद्यनाथन ने आगे बताया कि अप्रैल 1950 में विवादित क्षेत्र का निरीक्षण किया गया तो वहां कई पक्के साक्ष्य मिले थे. इनमें नक्शे, मूर्तियां, रास्ते और इमारतें शामिल हैं. परिक्रमा मार्ग पर पक्का और कच्चा रास्ता बना हुआ था. आसपास साधुओं की कुटियाएं भी थीं. सुमित्रा भवन में शेषनाग की मूर्ति मिली थी. पुरातत्व विभाग की जनवरी 1990 की जांच और रिपोर्ट में भी कई तस्वीरें और उनका साक्ष्य दर्ज हैं. 11 रंगीन तस्वीरे उस रिपोर्ट के एल्बम में हैं, जिनमे स्तंभों की नक्काशी का डिटेल चित्रण और वर्णन है.

दोपहर 12.00 बजे. अयोध्या मामले में सुनवाई शुरू हो गई है. रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने नक्शा और रिपोर्ट दिखाकर कोर्ट को बताया कि विवादित ढांचे और खुदाई के दौरान मिले पाषाण स्तंभ पर शिव तांडव, हनुमान और अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां बनी हुई हैं. साथ ही पक्का निर्माम में जहां तीन गुंबग बनाए गए थे, वहां पर खुदाई में रामलला के बाल रूप की मूर्ति मिली थी.

Ayodhya Land Dispute Case SC Hearing Day 6 Written Updates: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में छठे दिन की सुनवाई पूरी, जानें किसने क्या कहा

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Aanchal Pandey

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