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SC Demonetisation Verdict: न्यायमूर्ति नागरत्ना ने नोटबंदी को ठहराया था ‘गैरकानूनी’, जानें फैसले की बड़ी बातें

नई दिल्ली : साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा लाए गई नोटबंदी आज ता सवालों से घिरी है. आज इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट मिल गई है. जहां सर्वोच्च न्यायलय ने इस फैसले को सही ठहरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा आरबीआई से गहन चर्चा करने के बाद […]

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  • January 2, 2023 3:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा लाए गई नोटबंदी आज ता सवालों से घिरी है. आज इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट मिल गई है. जहां सर्वोच्च न्यायलय ने इस फैसले को सही ठहरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा आरबीआई से गहन चर्चा करने के बाद ही ये फैसला लिया गया था. इसके बाद आंच जजों की पीठ ने आज(2 जनवरी 2023) को इस संबंध में अपना फैसला सुनाया और नोटबंदी पर सहमति जताई है. लेकिन इस बीच जजों के मत का अनुपात 4 : 1 रहा. न्यायमूर्ति बी वी नागरथना सरकार द्वारा नोटबंदी के इस फैसले पर असहमति जताई गई. उन्होंने सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी भी ठहराया. आइए जानते हैं क्या थी न्यायमूर्ति बी वी नागरथना की टिप्पणी.

कानून बनाकर होनी थी नोटबंदी

मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले पर असहमति का फैसला सुनाते समय उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति बी वी नागरथना ने कहा कि 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की पूरी शृंखला को कानून लाकर खत्म किया जाना चाहिए था. ना की इस योजना को एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से ख़त्म करना सही था. उन्होंने आगे कहा कि संसद को इतने महत्वपूर्ण महत्व के मामले में अलग नहीं छोड़ा जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र द्वारा नोटों की एक पूरी श्रृंखला का विमुद्रीकरण करना गंभीर मुद्दा है. इसके देश की अर्थव्यवस्था और नागरिकों पर व्यापक असर हुए और इस फैसले से ऐसा लगा कि RBI ने भी जल्दबाजी में केवल सरकार का फैसला माना. क्योंकि RBI ने 24 घंटों में नोटबंदी को हरी झंड़ी दी थी.

4-1 से मिला वोट

गौरतलब है कि आज यांनी नए साल के दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को सही बता दिया है. मोदी सरकार के लिए ये बड़ी राहत की बात है. क्योंकि साल 2016 में आए इस फैसले को लेकर मोदी सरकार को विपक्ष और आलोचकों द्वारा खूब घेरा जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने 4-1 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया है. फैसले को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण नहीं थी। बता दें, कोर्ट में नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाएं दाखिल हुई थीं जिन्हें आज खारिज कर दिया गया है.

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